गांवों के सेहत केन्द्रों में सेवाएं निभा रहे एम.बी.बी.एस डाक्टरों को हटाना गलत- हरपाल सिंह चीमा

Harpal Cheema
ਬਾਦਲ ਦਲ ਦੀ ਬੁਖਲਾਹਟ ਦੀ ਨਿਸ਼ਾਨੀ ਹੈ ਸੁਖਬੀਰ ਬਾਦਲ ਵੱਲੋਂ ਚੋਣ ਸਰਵੇਖਣਾਂ 'ਤੇ ਪਾਬੰਦੀ ਦੀ ਮੰਗ: ਹਰਪਾਲ ਸਿੰਘ ਚੀਮਾ

पंजाब के करीब 3 हजार गांवों के लोग डाक्टरी सेवाओं से हो जाएंगे दूर
रेमडेसिविर दवा के साथ साथ अब ब्लैक और वाइट फंगस की दवा ऐमफोटरीसिन बी की कालाबाजारी जोरों से होने लगी
कैप्टन सरकार गांवों में रहने वाले लोगों के साथ कर रही है सौतेला व्यवहार
चंडीगढ़, 26 मई 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और पंजाब विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में प्रदेश की कैप्टन सरकार की तरफ से गांवों में सेवाएं निभा रहे एम.बी.बी.एस डाक्टरों को हटाए जाने की सख्त निंदा की है। उन्होंने कहा कि जब पंजाब के गांवों में कोरोना महामारी फैल रही है तो ऐसे समय में एम.बी.बी.एस डाक्टरों को गांवों में से हटा देना सरासर गलत फ़ैसला है।
बुधवार को पार्टी के मुख्य दफ्तर से जारी बयान के द्वारा हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार ने पंजाब के गांवों में ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग अधीन चलते करीब 489 सब्सिडरी हैल्थ सेंटरों को सेहत विभाग में तब्दील कर दिया है। उन्होंने दोष लगाया कि कैप्टन सरकार ने गांवों के सब्सिडरी हैल्थ सेंटरों को तब्दील करने के साथ साथ इन सेंटरों में सेवाएं निभा रहे एम.बी.बी.एस डाक्टरों को गांवों में से हटाने के हुक्म भी जारी किये हैं, जिससे पंजाब के करीब 3 हजार गांवों के लोग डाक्टरी सेवाओं से दूर हो जाएंगे।
चीमा ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में गांवों में से एम.बी.बी.एस डाक्टरों को हटा कर कैप्टन सरकार ने गांवों के लोगों के साथ धोखा किया है। गांवों में अलग अलग बीमारियों से पीड़ित मरीज इलाज करवाने कहां जाएंगे, इस बारे में भी कैप्टन सरकार को सोचना चाहिए। उन्होंने कहा सरकारी अस्पतालों में तो पहले ही डाक्टरों और अन्य स्टाफ समेत इलाज की सुविधाएं नहीं हैं, जब कि प्राईवेट अस्पतालों के मालिक इलाज के नाम पर आम लोगों की आर्थिक लूट करते हैं। कोरोना के इलाज के लिए जरूरी रेमडेसिविर दवा के साथ साथ अब ब्लैक और वाइट फंगस की दवा ऐमफोटरीसिन बी की कालाबाजारी ज़ोरों के साथ होने लग गई है। ऐसी स्थिति में गांवों में से डाक्टरों को हटा देना किसी भी तरीके से ठीक नहीं है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कैप्टन सरकार गांवों के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, क्योंकि गांवों के लोगों को कोरोना बचाने के लिए ज़रूरी टीकाकरण नहीं किया गया और न ही तालाबन्दी के कारण बेरोजग़ार हुए गरीब लोगों की सरकार की तरफ से कोई मदद की गई है। चीमा ने दोष लगाया कि कैप्टन सरकार ने एम.बी.बी.एस डाक्टरों को हटा कर गांवों के लोगों को बीमारियों के साथ लडऩे के लिए बेसहारा जरूर कर दिया। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की है कि गांवों में रहते लोगों के साथ सौतेला व्यवहार बंद किया जाये और गांवों में तुरंत एम.बी.बी.एस डाक्टरों की नियुक्ति की जाये जिससे कोरोना समेत अन्य बीमारियों के इलाज के लिए गांवों के लोगों को शहरों में धक्के न खाने पड़ें।

Spread the love