यूथ अकाली दल तथा एसओआई कार्यकर्ताओं ने पी.यू में विशाल धरना दिया

सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने पंजाब के 200 काॅलेजों को सीनेट तथा सिंडीकेट के चुनाव के अलावा पी.यू से हटाने की सिफारिश करने वाली उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट को वापिस लेने की मांग की
शिअद अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब के हितों की रक्षा के लिए वह लड़ाई की अगुवाई करेंगें तथा पूछा कि राज्य की पहचान से जुड़े मुददे पर कांग्रेस और आप ने चुप क्यों है
चंडीगढ़/12जुलाई 2021 यूथ अकाली दल तथा स्टडेंटस आॅगेनाइजेशन आॅफ इंडिया (एसओआई) के कार्यकर्ताओं ने आज पंजाब यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन करते हुए कि गवर्नेंस रिफाॅम्र्स पर बनी हुई हाई लेवल कमेटी की रिपोर्ट को तुरंत वापिस लिया जाए तथा पंजाब विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त किसी भी काॅलेज को इससे असंबद्ध नही किया जाएगा। उन्होने सीनेट तथा सिंडिकेट के तत्काल च ुनाव कराने की मांग की।
युवा कार्यकर्ताओं ने वाईस चांसलर से यह भी वचन देने की मांग की कि विश्वविद्यालय के प्रादेशिक क्षेत्राधिकार को फिर से बदला नही जाएगा और सीनेट तथा सिंडिकेट के ऐच्छिक और लोकतांत्रिक चरित्र के साथ छेड़छाड़ नही की जाएगी।
उन्होने यह भी बताया कि पी.यू केंद्रीय विश्वविद्यालय नही है और अंतरिम आदेश के रूप में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति का प्रभार उपराष्ट्रपति को दिया गया था। उन्होने कहा कि यह आरोप पंजाब के राज्यपाल को वापिस दिया जाना चाहिए।
कार्यकर्ताओं ने पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ की तख्तियां थामे वाईस चांसलर के कार्यालय के सामने विशाल धरना दिया तथा ‘ पंजाब नाक धक्का बंद करो’ तथा संघी वी.सी मुर्दाबाद’ के नारे लगाए। इसका नेतृत्व यूथ अकाली दल के अध्यक्ष सरदार परमबंस सिंह रोमाणा, एसओआई सरंक्षक भीम वड़ैच, एसओआई अध्यक्ष रोबिन बराड़, विक्की मिडडूखेड़ा, और पी.यू स्टूडेंटस कांउसिल के अध्यक्ष चेतन चैधरी ने किया। यूनिवर्सिर्टी के डीन डाॅ. वी आर सिन्हा तथा डीन, स्टूडेंन्स वेल्फेयर डाॅ. एसके तोमर सहित यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों के तीन प्रतिनिधिमंडल ने विरोध कर रहे युवाओं को ज्ञापन मिलने के बाद धरने का समापन किया।
छात्रों को संबोधित करते हुए सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने कहा कि वाईस चांसलर युवाओं के मन को प्रभावित करने के लिए आरएसएस की विचारधारा के अनुसार सीनेट तथा सिंडिकेट को बेमाने बनाने के बाद पाठयक्रम में बदलाव के लिए भाजपा-आरएसएस के एजेंडे के अनुसार काम कर रहे थे। उन्होने पंजाबियों को इस साजिश को विफल बनाने के लिए एकजुट होने की अपील की, उन्होने सवाल किया कि पंजाब की बहुत पहचान से संबंधित ऐसे मुददे पर कांग्रेस पार्टी तथा आप पार्टी क्यों चुप्पी लगाए हैं? उन्होने यह भी घोषणा की कि शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष इस लड़ाई का नेतृत्व करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आरएसएस के अनुरूप यूनिवर्सिटी का चरित्र न बदला जाए। सरदार रोमाणा ने एनआरआई के अलावा लेखकों तथा गायकों सहित सभी निर्माताओं से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए एकजुट हों

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