‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ भावी पीढ़ी के लिए कारगर योजना : मनोहर लाल

मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन एडमिशन पोर्टल किया लॉन्च

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चंडीगढ़, 22 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की भावी पीढ़ी के लिए जल संरक्षण की ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ नामक फसल विविधिकरण योजना कारगर सिद्ध हो रही है। मुख्यमंत्री के धान बाहुल्य जिलों के 1 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों के विविधिकरण के निर्धारित लक्ष्य की तुलना में किसानों ने ‘‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल’’ पर 1,18,128 हैक्टेयर क्षेत्र का रजिस्ट्रेशन करवाया है ताकि वे धान के स्थान पर कम पानी से तैयार होने वाली अन्य फसलों की बुआई कर सकें।

          कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल ने इस सम्बंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत चिन्हित आठ ब्लॉकों में 41 एकड़ से अधिक भूमि पर 41 प्रदर्शन खेत स्थापित किये हैं ताकि किसानों को इसकी अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो। उन्होंने बताया कि कैथल जिले के गुहला तथा सीवन ब्लॉकों में मक्का की दो किस्मों के 11 प्रदर्शन खेत स्थापित किये गए हैं। इसी प्रकार, सिरसा ब्लॉकों में कपास की दो किस्मों के 5 प्रदर्शन खेत, रतिया में मक्का की तीन किस्मों के 5 प्रदर्शन खेत जबकि पिपली, शाहबाद, बबैन तथा इस्माइलाबाद में मक्का की सात किस्मों के 20 प्रदर्शन खेत स्थापित किये जा रहे हैं।

          श्री जय प्रकाश दलाल ने बताया कि एक-एक एकड़ या इससे अधिक भूमि पर स्थापित किये गए इन प्रदर्शन खेतों में किसानों को यह दिखाया जाएगा कि किस प्रकार से कृषि की बेहतर तकनीक को अपनाकर अधिक से अधिक पैदावर ली जा सकती है। इसी प्रकार, किसानों को उत्तम तकनीक से सिंचाई करने के तौर-तरीके भी अपनाने की जानकारी दी जाएगी। इससे न केवल किसानों की जीवन शैली सुधरेगी बल्कि भू-जल स्तर पर पडऩे वाले दबाव में भी कमी आएगी।

          उन्होंने बताया कि ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना के तहत इन धान बाहुल्य ब्लॉकों में धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें नामत: मक्का, बाजरा, कपास, दलहन तथा बागवानी फसलें अपनाने के लिए प्रेरित किया गया है और ऐसा विकल्प अपनाने वाले किसानों को राज्य सरकार 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देगी और इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वैकल्पिक फसलों की बीमा लागत का शत-प्रतिशत खर्च वहन भी करेगी।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने बताया कि इसके अलावा, सरकारी खरीद एजेन्सियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का, बाजरा व दलहन की फसलों की खरीद की जाएगी।

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