चंडीगढ़, 24 जुलाई- हरियाणा के वन एवं शिक्षा मंत्री श्री कंवरपाल ने कहा कि प्रदेश में हर वर्ष 1100 गांवों को पौधारोपण अभियान के लिए चयनित किया जाएगा। इसके बेहतर परिणाम आगामी 5 सालों में नजर आऐंगे। पौधारोपण अभियान के साथ-साथ ड्रोन के जरिए भी बीज फेंक कर वनों को विकसित करने की योजना तैयार की गई है। इसके अलावा, प्रदेश में 20 प्रतिशत भूमि पर वन विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे पूरा करने के लिए आमजन का सहयोग लिया जाएगा। सभी मिलकर पौधारोपण का संकल्प लेंगे तो निश्चित ही इस लक्ष्य को सहजता से पूरा कर लिया जाएगा।
वन मंत्री श्री कंवरपाल आज कुरूक्षेत्र के पिपली वन विभाग परिसर में वन विभाग की तरफ से आयोजित शहरी वनीकरण योजना के तहत पौधारोपण के उपरांत सरपंचों को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले वन मंत्री कंवरपाल ने पिपली चिडियाघर का निरीक्षण किया और अधिकारियों से फीडबैक रिपोर्ट हासिल की है। इसके उपरांत वनमंत्री ने शहरी वनीकरण योजना के तहत वन विभाग के परिसर में रुद्राक्ष और अन्य औषधीय पौधे रोपित किए।
वन मंत्री ने पौधारोपण अभियान के लिए चयनित किए गए 57 गांवों के सरपंचों से सीधा संवाद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के आदेशानुसार प्रदेश में हर वर्ष पौधारोपण अभियान के लिए 1100 गांवों को चयनित किया जाएगा। इस वर्ष वन विभाग की तरफ से 1126 गांवों का चयन किया गया है, इन गांवों में पंचायतों, शिक्षण संस्थानों, मंदिरों, गुरुद्वारों और अन्य खाली पड़ी भूमि पर फलदार, औषधीय, छायादार और ऐसे पेड़ जिन पर पक्षी अपना घौंसला बना सके तथा अन्य प्रकार के पौधे लगाने की योजना है। इस वर्ष जिन गांवों में पौधे लगाए जाएंगे, उन गांवों में पौधों का पालन-पोषण करने के लिए वृक्ष मित्र भी नियुक्त किए जाएंगे। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि जहां प्रदेश में वर्तमान में 3 प्रतिशत भूमि पर आरक्षित वन हैं और 7 प्रतिशत भूमि पर पेड़ पौधे लगे हैं। अब प्रदेश में 20 प्रतिशत भूमि पर वन विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
वनमंत्री ने कहा कि वन विभाग की तरफ से 1 करोड़ 25 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए आम आदमी को वन विभाग के साथ मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि जिन जगहों पर पौधारोपण में दिक्कत आएगी, उन जगहों पर ड्रोन की सहायता से बीज फेंककर वनों को विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरपंचों के सहयोग के बिना वन विभाग अकेला कुछ नहीं कर पाएगा, सभी को मिलकर काम करना है और लक्ष्य को हासिल करना है।
वनमंत्री ने कहा कि इस वर्ष कोविड-19 बीमारी के चलते औषधीय पौधों को रोपित करने पर बल दिया गया है। प्रदेश के चयनित गांवों में कोविड वाटिका भी स्थापित करने की योजना है, जिसके तहत कचनार, तुलसी, बेल पत्थर, इमली, जामुन, हरड़, बहेड़ा व नीम इत्यादि के पौधे भी लगाए जाएंगे।