कमलेश ढांडा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में हरियाणा ने देश में अन्य राज्यों की तुलना में पहल की है

KAMLESH DHANDA
हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश ढ़ांडा ने कहा कि कलायत हलके के गांवों में विकास कार्यों में तेजी लाई जा रही है।

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चंडीगढ़, 1 अगस्त 2021 हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में हरियाणा ने देश में अन्य राज्यों की तुलना में पहल की है। वर्ष 2030 की बजाय वर्ष 2025 तक नई शिक्षा नीति लागू करने की मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल घोषणा कर चुके हैं। इसी के अनुरूप महिला एवं बाल विकास विभाग चरणबद्ध तरीके से अपने आंगनवाड़ी केन्द्रों में तीन से छ: आयु वर्ग के बच्चों को प्ले-स्कूल की तर्ज पर तैयार करेगा ताकि पहली कक्षा में बच्चा स्कूल जाने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहे।
आज यहां इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए श्रीमती ढांडा ने कहा कि सबसे पहले बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ), आंगनवाड़ी वर्करों व सहायकों को नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन मे अब केवल शिक्षा विभाग की भूमिका नहीं है। बल्कि महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेवारी बढ़ी है क्योंकि विभाग ने प्रारंभिक बचपन देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) के तहत योजना बनानी है। उन्होंने कहा कि हालांकि पंचकूला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लोकार्पण अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. राकेश गुप्ता ने अपने प्रस्तुतीकरण में 2024 तक ईसीसीई योजना को सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में चलाने की रूपरेखा पर विस्तार से जानकारी दी थी। अब आगे इसके क्रियान्वयन में आंगनवाड़ी वर्करों व सहायकों की मुख्य भूमिका रहेगी और उन्हें एक प्री-टीचर के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में प्री-स्कूल अवधारणा की जो बात कही गई है, उस पर हरियाणा पहले ही आगे बढ़ रहा है तथा इस कड़ी में 1000 नए प्ले-वे स्कूल खोलने की प्रक्रिया जारी है तथा सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों को अपग्रेड किया जाएगा और इस वर्ष 1135 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर इस कार्य को पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, 102 क्रैचों को भारत सरकार की दिशा-निर्देशों के अनुसार संशोधित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 1992-93 में जब महिला एवं बाल विकास विभाग अस्तित्व में आया था तो विभाग का बजट 29.41 करोड़ रुपये था जो वर्ष 2020-21 में बढक़र 1,621 करोड़ रुपये हो गया है।
श्रीमती ढांडा ने कहा कि वर्ष 2020-21 के बजट में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने 4000 प्ले-स्कूल तथा कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए 500 नये क्रैच खोलने की घोषणा की थी और इन पर विभाग ने कार्य आरम्भ कर दिया है जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वर्णित है तथा सभी राज्यों ने इस पर तेजी से कार्य करना है।

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