तंती साज़ों के साथ निर्धारित रागों में गुरू तेग बहादुर साहब की वाणी का आनलाइन- शब्द गायन
प्रो. स्वरलीन कौर ने गुरू तेग बहादुर साहब की वाणी का किया रसभिन्ना गायन
पटियाला 22 जुलाई 2021
आज नॉर्थ ज़ोन कल्चरल सैंटर पटियाला और गुरमति संगीत विभाग पंजाबी यूनिवर्सिटी के सांझे उद्यम से श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व को समर्पित आनलाइन गुरबानी गायन का आयोजन किया गया, जिस में प्रो. स्वरलीन कौर, संगीत विभाग श्री गुरु ग्रंथ साहिब वर्ल्ड यूनिवर्सिटी श्री फ़तिहगढ़ साहिब की द्वारा रसभिन्ने कीर्तन से संगतों को निहाल किया।
समागम के आरंभ में डा. कंवलजीत सिंह, इंचार्ज गुरमति संगीत विभाग पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला ने गुरू तेग बहादुर जी के संगीतक योगदान की चर्चा करते बताया कि गुरू तेग बहादुर साहब ने वाणी के भाव अनुसार ही रागों की चयन करते गुरमति संगीत के प्रसार में बड़ा योगदान पाया है। गुरू साहब की तरफ़ से शब्द कीर्तन के लिए जैजावंती राग का प्रयोग मौलिक तथा नवीन यत्न था जिससे मुख्य रागों की कुल गिनती 31 हो ई। गुरू तेग बहादुर साहब ख़ुद मृदंग वादन में निपुण थे और उन्होंने प्रसन्न हो'कर अपना मृदंग मसंद भाई गुरुबख्श को भेंट कर दिया था।
प्रो. स्वरलीन कौर के साथ ताऊस पर डा. ए पी सिंह रिदम ने संगति की। दोनों की रसभिन्नी शब्द कीर्तन प्रस्तुति ने ईश्वरीय नाद का अलौकिक माहौल सृजन किया। प्रो. स्वरलीन कौर ने बताया कि जब गुरू को आपने सामने उपस्थित जान कर गुरबानी गायन किया जाता है तो गुरू आप ही कौतुक करता है। कीर्तनकार तो एक ज़रीया होता है। इस प्रोग्राम में भाई अमरिंदर सिंह ने रबाब वादन तथा भाई मनिंदर सिंह ने जोड़ी पर साथ दिया। समागम के समापन पर मैडम दीपिका पोखरना डायरैक्टर नॉर्थ ज़ोन कल्चरल सैंटर और डा. अरविंद वाइस- चांसलर पंजाबी यूनिवर्सिटी का धन्यवाद करते डा. कंवलजीत सिंह ने बताया कि दोनों ही संस्थाओं की तरफ़ से साहिब श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश दिवस बहुत श्रद्धा और चाव के साथ मनाया जा रहा है। गुरमति संगीत विभाग पंजाबी यूनिवर्सिटी की यह 43वीं पेशकारी थी।