तृप्त बाजवा द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित भाषा विभाग की ‘जन साहित्य’ पत्रिका का विशेष अंक जारी गुरू तेग बहादुर की शिक्षाओं को अपनाने की अपील

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चंडीगढ़, 29 अप्रैलः
पंजाब सरकार द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर के 400 साला प्रकाश पर्व मनाने के लिए बनाऐ गए प्रोग्रामों के अंतर्गत राज्य के भाषा विभाग की तरफ से अपनी पत्रिका ‘जन साहित्य के प्रकाशित विशेष अंक ‘हिंद दी चादर’ रिलीज़ करते हुये पंजाब के उच्च शिक्षा और भाषा मंत्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा ने आज यहाँ कहा कि गुरू तेग बहादुर की शिक्षा आज भी समूचे मानवीय समाज के लिए प्रकाश स्तंभ है।
श्री बाजवा ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर ने अपनी आत्मा की आवाज अनुसार धर्म अपनाने की आजादी के लिए अपनी शहादत देकर संसार को एक नया रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि अगर संसार के धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक नेता गुरू तेज बहादुर की एक ही लाईन ‘भै काहू कऊ देत नहीं नहीं भै मानत आन’ को ही अपनी सोच का हिस्सा बना लें तो पूरी दुनिया में से टकराव, द्वेष और लड़ाई खत्म हो सकती है। श्री बाजवा ने कहा कि आज जब कुछ शक्तियों की तरफ से हिन्दुस्तान को एक रंग में रंगने की कोशिशें हो रही हैं तो श्री गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाओं और असूलों की प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है।
उच्च शिक्षा और भाषाएं मंत्री ने इस मौके पर भाषा विभाग की तरफ से गुरबाणी और सिख इतिहास से सम्बन्धित आधा दर्जन पुस्तकें भी जारी की।
श्री बाजवा ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के योग्य नेतृत्व में पंजाब सरकार की तरफ से श्री गुरु तेग बहादुर जी का 400 साला प्रकाश पर्व मनाने के लिए बहुत बड़े प्रोग्राम बनाऐ गए थे, परन्तु कोरोना महामारी के फिर फैलने से यह प्रोग्राम अब संकेतक तौर पर मनाए जाएंगे। उन्होंने भाषा विभाग की तरफ से ‘जन साहित्य का विशेष अंक और पुस्तकें प्रकाशित करने के कदम की सराहना की।

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