महंगाई से जूझ रहे लोगों पर ओर आर्थिक बोझ डाल रहे हैं नरेंद्र मोदी- सुरिंदर सोढ़ी
वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों के हितों के प्रति केंद्र सरकार का सौतेला व्यवहार हुआ जनतक -डा. इन्दरबीर सिंह निज्जर
बुरे वक्त में मदद करने की बजाए केंद्र सरकार को लोगों की आर्थिक लूट करने से बचना चाहिए
जालंधर, 25 मई 2021
आम आदमी पार्टी (आप) जालंधर के ज़िला प्रधान सुरिंदर सोढ़ी और व्यापार विंग के प्रदेश प्रधान डा. इन्दरबीर सिंह निज्जर ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से कोरोना दौर में हर रोज़ पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में बढ़ौतरी करने की सख्त अलोचना की है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में हर दिन बढ़ौतरी कर केंद्र सरकार देश के आम लोगों को लूट रही, जब कि लोग पहले ही कोरोना महामारी के कारण बेरोजगार हो गए हैं।
सुरिंदर सोढ़ी और डा. इन्दरबीर सिंह निज्जर ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही महंगाई से लोगों की कमर तोड़ रखी है वहीं लोगों पर पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों का ओर बोझ डाल कर सिद्ध कर दिया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार लोक विरोधी और पूँजीपतियों की हितैषी है। उन्होंने दोष लगाया कि जब लोग कोरोना महामारी का सामना कर रहे हैं, उस समय मोदी सरकार ने पेट्रोल की कीमतों में 25 रुपया की बढ़ौतरी करके इसकी कीमत 95 रुपए प्रति लीटर कर दी है। नेताओं ने कहा कि डीज़ल की कीमतों में हो रहा विस्तार कृषि क्षेत्र के लिए तबाह का कारन साबित हो रहा है। इस वृद्धि के साथ फसलों की बिजाई, सिंचाई और कटाई के खर्चे भी बढ़ गए हैं, जो पहले ही ऋणी किसानों के लिए सहने योग्य नहीं है।
सुरिंदर सोढ़ी ने कहा कि पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में वृद्धि का प्रभाव जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर भी पड़ रहा है। दालों से लेकर खाने वाले तेलों की कीमतें भी बढ़ गई हैं। जिस का प्रभाव मध्य वर्ग पर बहुत बुरा पड़ रहा है। नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐसे समय तेल की कीमतों में विस्तार किया जब लोग कोरोना महामारी का सामना कर रहे हैं और बेरोजग़ार हो कर सरकारी की वित्तीय सहायता का इन्तज़ार कर रहे हैं।
डा. इन्दरबीर सिंह निज्जर ने कहा कि पेट्रोल, डीज़ल और आम वस्तुओं की हर दिन बढ़ती कीमतें केंद्र सरकार की आम लोगों के हितों प्रति लोक विरोधी सोच है। उन्होंने कहा कि जहां मध्य वर्ग कारोबार बंद हो जाने के कारण अपना परिवार पालने के लिए संघर्ष कर रहा है, वहीं ही केंद्र सरकार उनकी जेबों पर डाका मारने में लगी हुई है। ऐसे कठिन समय में मदद करने की बजाए केंद्र सरकार को लोगों का गला दबाने से बचना चाहिए।