प्रोनिंग प्रक्रिया (पेट के बल लेटना) कोविड-19 मरीजों हेतु ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने में सहायक है: वैशाली शर्मा

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अम्बाला/नारायणगढ़, 8 मई,2021 यदि आप कोविड के मरीज हैं और घर पर ही क्वारंटाइन है तो प्रोनिंग की प्रक्रिया के द्वारा आप अपने ऑक्सीजन के स्तर को सुधार सकते हैं। आपकी जागरूकता ही आपको इस बीमारी से लडऩे में सहायक सिद्ध होगी। एसडीएम डा0 वैशाली शर्मा जोकि एमबीबीएस भी हैं, ने कहा कि प्रोनिंग प्रक्रिया से व्यक्ति अपनी ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ा सकता है।
कोविड-19 मरीज खुद अपनी देखभाल के लिए प्रोनिंग की मदद लें:-
प्रोनिंग मरीज के शरीर की पॉजिशन को सुरक्षित तरीके से परिवर्तित करने की एक प्रक्रिया है, जिसमें पीठ के बल लेटा हुआ मरीज जमीन की तरफ मुंह करके पेट के बल लेटता है। चिकित्सा के क्षेत्र में प्रोनिंग शरीर की एक स्वीकृत अवस्था है, जो सांस लेने की प्रक्रिया को आरामदायक बनाती है और शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाती है। सांस लेने में तकलीफ वाले कोविड-19 मरीजों, विशेषकर होम आइसोलेशन वाले कोविड मरीजों के लिए प्रोनिंग की प्रक्रिया काफी फायदेमंद है।
प्रोनिंग (पेट के बल लेटने) का महत्व
वैंटिलेशन को बढ़ाती है, श्वसन कोशिकाओं को खोलकर आसानी से सांस लेने में मदद करती है। इसकी आवश्यकता केवल उसी स्थिति में है, जब मरीज को सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही हो और उसका एस.पी.ओ.-2 का स्तर 94 से नीचे चला गया हो। होम आइसोलेशन के दौरान तापमान, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर जैसे अन्य लक्षणों के अलावा एस.पी.ओ.-2 को नियमित रूप से मॉनिटर करना बेहद महत्वपूर्ण है। हाइपोक्सिया (ऑक्सीजन सर्कुलेशन की कमी) मरीज की हालत और ज्यादा बिगडऩे का कारण बन सकती है। उचित समय पर प्रोनिंग और वैंटिलेशन की बेहतर व्यवस्था से कई जिंदगियां बचाई जा सकती है।
प्रोनिंग के दौरान तकिया लगाने का सही तरीका
एक तकिया गर्दन के नीचे रखें, एक या दो तकिये छाती और जांघ के उपरी हिस्से की बीच रखें, दो तकिये पैर की पिंडलियों के नीचे रखें।
सेल्फ-प्रोनिंग के लिए
आपको 4 से 5 तकियों की जरूरत होगी। लेटने की पॉजिशन में नियमित रूप से बदलाव करते रहना होगा। किसी भी पॉजिशन पर 30 मिनट से ज्यादा का समय न लगाएं, 30 मिनट से 2 घंटे तक पेट के बल लेंटे, 30 मिनट से 2 घंटे तक दाईं तरफ करवट से लेटें, 30 मिनट से 2 घंटे तक बाईं तरफ करवट से लेटें, 30 मिनट से 2 घंटे तक शरीर के उपरी हिस्से को उपर उठाएं और बैठ जाएं, फिर से 1 नंबर वाली पॉजिशन पर वापस लौटें और पेट के बल लेटें।
इन परिस्थितियों में प्रोनिंग से बचें
गर्भावस्था, डीप वेनस थ्रोम्बॉसिस (जिसका उपचार 48 घंटे के भीतर हुआ हो), ह्दय संबधी प्रमुख बीमारियों की स्थिति में, अस्थिर रीढ़, जांघ या कूल्हे की हड्डी फ्रैक्चर होने की स्थिति में, भोजन के बाद करीब एक घंटे तक प्रोनिंग न करें, प्रोनिंग को केवल तब तक करें जब तक आप इसे आसानी से कर पा रहे है। अधिक जानकारी के लिए राज्य हेल्पलाईन नम्बर 8558893911 (गुरूग्राम व फरीदाबाद) व अन्य जिलों के लिए 1075 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

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