शिरोमणी अकाली दल ने एसकेएम से पंजाब में राजनीतिक गतिविधियों पर कोई प्रतिबंध न लगाकर किसान आंदोलन के राष्ट्रीय स्वरूप को बनाए रखने का अनुरोध किया

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किसान आंदोलन को पंजाब तक सीमित करने और फिर राष्ट्रपति शासन लगाकर केंद्र इसे दबाने की साजिश न करे
दिल्ली सीमा पर विरोध प्रदर्शन वाली जगह पर कैडर को भेजकर आंदोलन का समर्थन करने की पेशकश की तथा साथ ही आश्वासन दिलाया कि संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा किसी विशेष कार्यक्रम की घोषणा करने वाले दिन में कोई रैली नही की जाएगी
चंडीगढ़/10सितंबर 2021 शिरोमणी अकाली दल ने आज संयुक्त किसान मोर्चा से अनुरोध किया है कि वह पंजाब में राजनीतिक गतिविधियों पर कोई प्रतिबंध न लगाकर किसान आंदोलन के राष्ट्रीय स्वरूप को बनाए रखें ,दिल्ली सीमा पर विरोध प्रदर्शन वाली जगह पर कैडर को भेजकर आंदोलन का समर्थन करने की पेशकश की तथा साथ ही आश्वासन दिलाया कि संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा किसी विशेष कार्यक्रम की घोषणा करने वाले दिन में कोई रैली नही की जाएगी।
यहां संयुक्त किसान मोर्चा के साथ मीटिंग के बाद वरिष्ठ शिरोमणी अकाली दल के नेता प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा और सरदार महेशइंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि ‘‘केंद्र द्वारा किसान आंदोलन को सीमित करने और फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाकर उसे दबाने की साजिश चल रही है। हमारी लड़ाई राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी के साथ है। देश के किसी अन्य राज्य में किसान आंदोलन के कारण राजनीतिक गतिविधियों को प्रतिबंधित नही किया गया है। लोगों के पास जाना हमारा अधिकार है और इसपर प्रतिबंध नही लगाया जाना चाहिए’’।
संयुक्त किसान मोर्चा को औपचारिक पत्र भेजे जाने के बाद शिरोमणी अकाली दल के कहने पर बुलाई गई विशेष मीटिंग में भाग लेने वाले सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़, डाॅ. दलजीत सिंह चीमा सहित वरिष्ठ नेताओं ने भी किसान संघर्ष का समर्थन देने की बात दोहराई। ‘‘ हम समझते हैं कि किसान आंदोलन पर कतई असर नही होना चाहिए। हम उस दिन रैली नही करेंगें , जिस दिन एसकेएम विशेष कार्यक्रम की घोषणा करेगा। हम भी कैडर को दिल्ली सीमा विरोध स्थलों पर भेजकर संघर्ष को समर्थन देने को तैयार हैं। एसकेएम हर राजनीतिक दल से भागीदारी के लिए कोटा निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र है और हम इसका पालन करेंगें’’।
इस बात पर जोर देते हुए कि शिरोमणी अकाली दल किसी के साथ कोई टकराव नही चाहता, प्रो. चंदूमाजरा और सरदार ग्रेवाल ने कहा कि अकेले शिरोमणी अकाली दल के साथ ऐसा नही किया जाना चाहिए। उन्होने बताया कि कैसे आम आदमी पार्टी ने बाघापुराणा में रैली का आयोजन किया था और यहां तक कि खेमकरण मं कांग्रेस द्वारा आयोजित रैली का भी उदाहरण दिया। ‘‘कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बहुत बड़ा विज्ञापन अभियान भी चलाया जा रहा है। ऐसी स्थिति में शिरोमणी अकाली दल किसानों, युवाओं और दलितों के साथ साथ व्यापार और उद्योग के अधिकारों की रक्षा के लिए लोगों के पास जाना उचित है’’।
नेताओं ने बताया कि पंजाब से शुरू हुआ आंदोलन पहले हरियाणा और फिर पूरे देश में कैसे फैल गया । उन्होने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सरदारनी हरसिमरत कौर बादल के साथ आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए शिरोमणी अकाली दल ने एनडीए के साथ गठबंधन छोड़ने के बाद मंत्रालय से भी इस्तीफा दे दिया था। ‘‘ उन्होने

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