अग्रिम ज़मानत रद्द होने के बावजूद चन्नी सरकार के ‘आशीर्वाद’ से खुलेआम खुम रहा है मजीठिया:राघव चड्ढा

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– कहा, चन्नी के निर्देशों से मजीठिया को ग्रिफ्तार नहीं कर रही पंजाब पुलिस, एफआईआर सिर्फ सियासी स्टंट  

– नशे के कारोबार को लेकर चन्नी और बादलों के बीच 75-25 का खेल:राघव चड्ढा 

– ज़मानत रद्द होने का मतलब गिरफ्तारी होता है, पर मजीठिया पर यह कानून क्यों लागु नहीं:राघव चड्ढा  

 चंडीगढ़, 2 जनवरी

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पंजाब मामलो के सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने कहा कि पंजाब सूबे में नशे के काले कारोबार को खत्म करने के लिए सूबे की जनता से सियासी खेल खेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब विधान सभा चुनावों के नज़दीक आते ही सूबे की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार ने बिक्रम सिंह मजीठिया खिलाफ एक कमजोर एफआईआर दर्ज करके महज सियासी ड्रामा रचा है।
रविवार यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में राघव चड्ढा ने कहा कि पंजाब में नशे के कारोबार को तीन हफ्ते में खत्म करने का वायदा करने वाली पंजाब की कांग्रेस सरकार ने पिछले पांच सालों में कुछ नहीं किया। अब फिर से विधान सभा चुनाव नज़दीक आते ही एक ‘स्टंट’ के तहत अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ नशे को लेकर एफआईआर दर्ज करवा के सूबे की जनता को गुमराह करने की असफल कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने पहले ही अंदेशा जताया था कि पंजाब की चन्नी सरकार और अकाली दल बादल के सुखबीर सिंह बादल के बीच एक ‘सीक्रेट डील’ के तहत तय था कि पंजाब के अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज तो की जाएगी, मगर उसे ग्रिफ्तार नहीं किया जायेगा। राघव चड्ढा ने बताया कि यह इस लिए किया जा रहा है कि लुधियाना के सिटी सेंटर घोटाले में फसें पंजाब के मुख्य मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का भाई मुलज़म था और चन्नी ने बादल परिवार के आगे ‘गिड़गिड़ा’ कर अपने भाई को इस मामले से बाहर निकलवाया था।
राघव चड्ढा ने इस बात पर हैरानी ज़ाहिर की कि बिक्रम मजीठिया के ऊपर दर्ज एफआईआर और अग्रिम ज़मानत के रद्द हो जाने का बावजूद मजीठिया को ग्रिफ्तार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पिछले महीने 20 दिसंबर दर्ज की गई इस एफआईआर को आज लगभग दो हफ्ते हो चुके है। अग्रिम ज़मानत रद्द होने के बावजूद मजीठिया खुलेआम घूम रहा है। मुलज़म की नए वर्ष के अवसर पर श्री हरमिंदर साहिब में मत्था टेकने की तस्वीरें सोशल मिडिया पर वायरल हो रही है। अग्रिम ज़मानत रद्द होने के बावजूद भी पंजाब सरकार बिक्रम सिंह मजीठिया को ग्रिफ्तार नहीं कर रही। राघव चड्ढा ने  कहा कि पुरे देश में एक स्टैंडर्ड ऑपेरशन प्रोसीजर (एसओपी) लागु होता है कि अग्रिम ज़मानत रद्द होने के तुरंत बाद मुलज़म को ग्रिफ्तार कर लिया जाता है, मगर पंजाब में बिक्रम सिंह मजीठिया के केस में ऐसा नहीं किया जा रहा। अग्रिम ज़मानत रद्द होने का मतलब होता है तुरंत ग्रिफ्तार किया जाये।   उन्हने कहा कि सीधे तौर पर इससे चन्नी और बादलों के बीच सीधे तौर पर सांठगांठ का पता चलता है। उन्होंने कहा कि चन्नी कि सरकार ने मजीठिया पर कमजोर एफआईआर दर्ज करके पंजाब की जनता को गुमराह करने की कोशिश की है। राघव चड्ढा ने बताया कि उन्हें पंजाब एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया है कि चन्नी सरकार ने मजीठिया के खिलाफ केवल एफआईआर दर्ज करने के लिए ही कहा है, उसे ग्रिफ्तार करने के लिए नहीं।
राघव चड्ढा ने कहा कि पंजाब के मुख्य मंत्री चरणजीत सिंह और सुखबीर सिंह बादल में नशे के कारोबार में पूरी मिलभगत है। दोने में नशे के कारोबार में 75 -25 का खेल चल रहा है, चन्नी खुद पंजाब के रेत-बजरी और माइनिंग माफिया से मिले हुए है। उन्होने चन्नी सरकार से सवाल किया की पंजाब में नशे का कारोबार तीन हफ्तों में खत्म करने का दावा करने वाली पंजाब सरकार ने अपने पिछले 100 दिनों के कार्यकाल में इस बारे क्या किया किया है। राघव चड्ढा ने कहा कि चन्नी एक भी ऐसी जगह बतादें जहां नशे के कारोबार कम हुआ हो या खत्म किया हो। उन्होंने कहा कि पंजाब के नौजवानों की नसों में आज भी नशा उतारा जा रहा है। पंजाब सरकार ने आज तक नशे के कारोबार करने वाले एक भी व्यक्ति को ग्रिफ्तार नहीं किया और अब चुनावों के नज़दीक आते ही बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ एक ‘कमज़ोर’ एफआईआर दर्ज करके कांग्रेस ने सूबे की जनता को गुमराह करने की कोशिश की है।
राघव चड्ढा ने कहा पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर सबसे पहले पंजाब में नशे की व्यापार को बंद किया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि नशे के शिकार पंजाब के नौजवानों का भविष्य संवारने के लिए उनका हाथ पकड़ कर उन्हें नशे की दलदल से बाहर निकाला जायेगा।
इस अवसर पर राघव चड्ढा के साथ पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग और जगतार सिंह संघेड़ा भी मौजूद थे।

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