हरियाणा सरकार ने बर्मिंघम विश्वविद्यालय के साथ हरियाणा राज्य में पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमैंट एवं कोल्डचेन उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना हेतू एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं

news makahni
news makhani

Sorry, this news is not available in your requested language. Please see here.

चंडीगढ़, 29 सितंबर– हरियाणा सरकार ने बर्मिंघम विश्वविद्यालय के साथ हरियाणा राज्य में पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमैंट एवं कोल्डचेन उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना हेतू एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

         आज बर्मिंघम (यूके) में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे पी दलाल की उपस्थिति में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने राज्य सरकार की ओर से एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

         उल्लेखनीय है कि वर्तमान प्रदेश सरकार हरियाणा के किसानों को सशक्त व समृद्ध बनाने के लिए अनेक योजनाओं को लागू कर रही है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर किसानों के हित में कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। हरियाणा ने एक नई पहल शुरू करते हुए बागवानी किसानों को जोखिम मुक्त करने के लिए भी मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना चलाई है। इसके अलावा, राज्य सरकार निरंतर बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए फसल विविधीकरण को अपनाने हेतु किसानों को प्रोत्साहित कर रही है।

         कृषि मंत्री और अन्य अधिकारी 29 व 30 सितंबर को बर्मिंघम विश्वविद्यालय में चल रहे कोल्ड चेन समिट में भाग लेने बर्मिंघम गए हैं तथा हरियाणा में स्थापित होने वाले उत्कृष्टता केंद्र से जुड़े वहां के संस्थानों का दौरा भी करेंगे।

         श्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि यह उत्कृष्टता केंद्र फसल तुड़ाई उपरांत होने वाले नुकसान को कम करने, किसानों व अन्य हितधारकों का ज्ञानवर्धन करने, पर्यावरण व किसानों के अनुकूल तकनीकों के इस्तेमाल तथा अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। इसके फलस्वरुप राज्य में बागवानी की ओर विविधीकरण में बहुत ज्यादा वृद्धि होगी।

         कोल्डचेन समिट में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा ने वर्तमान में कुल फसली क्षेत्र का लगभग 7 प्रतिशत क्षेत्र बागवानी फसलों के अंतर्गत है। बागवानी की ओर विविधीकरण तथा किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार द्वारा अनेकों नए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने तुड़ाई उपरांत बागवानी फसल उत्पादन में होने वाले नुकसान को कम करने पर बल दिया व बताया कि यह नुकसान वर्तमान में लगभग 7 प्रतिशत से 18 प्रतिशत है।

         उन्होंने बताया कि राज्य में 393 बागवानी कलस्टर, 13 एकीकृत पैकहाउस बनाए जा चुके हैं व 50 अन्य पैक हाउस निर्माणाधीन हैं। आने वाले पांच सालों में 500 और एकीकृत पैक हाउस स्थापित किए जाएगें। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य ताजा फलों एंव सब्जियों की व्यवस्थित सप्लाई चैन व किसानों को सीधा कृषि बाजार से जोड़ने में एक अग्राणी राज्य होगा। राज्य में अब तक कृषि क्षेत्र की कंपनियों के साथ विभिन्न किसान समूह संगठनों द्वारा 59 समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।

         श्री जे पी दलाल ने कहा कि कोल्ड चेन में काफी अधिक  ऊर्जा की खपत होती है, जिससे अक्सर डीजल पर भी निर्भर होना पड़ता है। इसलिए, भविष्य में अक्षय ऊर्जा संसाधनों, नई थर्मल केंद्रित ऊर्जा प्रणालियों, नवीन थर्मल प्रबंधन के पोर्टफोलियो का विकास व दोहन करने पर जोर देना होगा। सप्लाई चैन को मजबूत करने के लिए एकीकृत पैकहाउस स्थापित करने, प्री-शीपमेंट ट्रीटमेंट सुविधाएं जैसे ई-रेडिऐशन, वाष्प हीट ट्रीटमेंट (वी.एच.टी), हॉट वाटर डिप ट्रीटमेंट (एच.डब्ल्य.ूडी.टी) आदि सृजित करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, उन्होंने नीति निर्माताओं, अधिकारियों, उपभोक्ताओं और कोल्ड चेन में शामिल कर्मचारियों सहित विभिन्न हितधारकों के प्रशिक्षण एवं उनको इन तकनीकों से जागरूक करने पर भी बल दिया।

         डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि फार्म स्तर पर होने वाले नुकसान को कम करने, उपकरणों की खरीद करने, खेत पर पैक हाउस निर्मित करने तथा अपने उत्पाद को स्टोर करने के लिए छोटे व सीमांत किसानों का वित्तीय सहयोग करना व उनकी आर्थिक क्षमता में सुधार करना बहुत जरूरी है। उन्होंने स्वच्छ हरित ऊर्जा तथा कोल्ड चेन सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए एक अनुकूल प्रणाली विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया ताकि फसलों की तुड़ाई से लेकर खुदरा ब्रिकी तक होने वाले नुकसान को रोका जा सके।

 

और पढ़ें –  गुरुग्राम और नूंह में 10 हजार एकड़ क्षेत्र में स्थापित होगा विश्व का सबसे बड़ा सफारी पार्क