5 फरवरी को फाजिल्का के स्कूलों में मनाया जायेगा  डी वार्मिंग  डे

Dr. Kavita Singh
Civil Surgeon, Dr. Kavita Singh

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सेहत विभाग की त्यारिया पूरी, सेंटरों में पहुंची एलबेंडाजोल की गोलियां

फाजिल्का 3 फरवरी 2024

फाजिल्का सेहत विभाग की तरफ से सोमवार 5 फरवरी से सरकारी , प्राइवेट और एडिड स्कूलों में डी वार्मिंग डे मनाया जायेगा जिसके लिए सेहत विभाग ने त्यारियां पूरी कर ली है। विभाग के कर्मचारी को ट्रेनिंग और गोलियां आदि की सप्लाई सेंटरों में पहुंचा दी गई है । इस बारे में जानकारी देते हुए कार्यकारी सिविल सर्जन डॉक्टर कविता सिंह ने बताया कि साल में 2 बार स्कूली बच्चों के लिए डी वार्मिंग डे मनाया जाता है ।

बच्चो को भूख न लगना ओर चिड़चिड़ा व्यवहार करना पेट में कीड़े होने के लक्षण हैं। यहीं नहीं अगर लंबे समय से पेट में कीड़े हैं और उसका इलाज नहीं हुआ है तो आगे चलकर कुपोषण और शरीर में खून की कमी का खतरा हो सकता है। अस्पतालों की ओपीडी में भी इस तरह की समस्या वाले बच्चे पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों के मुताबिक कीड़े होने से बच्चे के कुछ भी खाने का असर उसके सेहत पर नहीं दिखता है। अभिभावकों को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही चिकित्सक की सलाह पर कीड़े मारने की दवा भी खिलाते रहना चाहिए।  जिससे बच्चा सेहतमंद रहता है।

बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने और कीड़े मारने की दवा खिलाने के उद्देश्य से इस  साल 5 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जायेगा  इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों के साथ ही स्कूलों, इंटर कॉलेजों, आंगनबाड़ी केंद्रों पर अभियान चलाकर बच्चों को दवा एलबेंडाजॉल खिलवाया जाता है।

3,लाख 10 हजार बच्चे खाएंगे दवा, मापक राउंड भी चलेगा कार्यकारी सिविल सर्जन डॉक्टर कविता सिंह  ने बताया कि कृमि मुक्ति दिवस पर 19 साल तक के करीब 3लाख 10हजार बच्चों, किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए विभाग की ओर से टीम का गठन कर दिया गया है। इसके बाद जो बच्चे बच जाएंगे, उनके लिए मॉपक राउंड भी चलाया जाएगा।   जिसके लिए विभाग ने 12 फरवरी की तारीख तय की है।

क्या है लक्षण लक्षण : बेचैनी, सिरदर्द, कुपोषण, चक्कर आना, वजन में कमी, भूख न लगना, खून की कमी (एनीमिया), पेट में दर्द, उल्टी-दस्त आदि।बचाव के उपाय : नाखून साफ व छोटे रखें, हमेशा साफ पानी पीएं, आसपास सफाई रखें, साफ पानी से फल व सब्जियां धोएं, खुले में शौच न करें।

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