किसानों को 182.52 करोड़ रुपए की उनके खातों में हुई सीधी अदायगी: अपनीत रियात

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जिले में निर्विघ्न की जा रही गेहूं की खरीद: डिप्टी कमिश्नर
जिले की मंडियों में हुई 146236 मीट्रिक टन गेहूं की आमद, 145788 मीट्रिक टन गेहूं की हुई खरीद
-मंडियों में कोरोना बचाव संबंधी अपनाई जा रही सावधानियां,  टैस्टिंग व वैक्सीनेशन कैंप जारी
होशियारपुर, 25 अप्रैल:
डिप्टी कमिश्नर अपनीत रियात ने बताया कि जिले की मंडियों में निर्विघ्न गेहूं की खरीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि मंडियों में फसल बेचने आए किसानों के खातों में 182.52 करोड़ रुपए की सीधी अदायगी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अब तक जिले की मंडियों में 146226 मीट्रिक टन गेहूं की आमद हो चुकी है और अलग-अलग खरीद एजेंसियों की ओर से 145788 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर ली गई है। उन्होंने बताया कि पनग्रेन की ओर से 30373 मीट्रिक टन, मार्कफैड की ओर से 37657, पनसप की ओर से 25787, पंजाब स्टेट वेयर हाउस कार्पोरेशन की ओर से 19537 व एफ.सी.आई. की ओर से 32424 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि किसानों को मंडियों में किसी तरह की समस्या नहीं आने दी जाएगी व पंजाब सरकार की ओर से मंडियों से गेहूं का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां मंडियों में जहां सुचारु ढंग से गेहूं की खरीद की जा रही है, वहीं कोविड-19 के प्रभाव को फैलने से रोकने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि मंडियों में कोरोना की टैस्टिंग के साथ-साथ वैक्सीनेशन कैंप भी जारी है। इसके अलावा सामाजिक दूरी बरकरार रखने के अलावा किसानों व मजदूरों के लिए मास्क व सैनेटाइजर की सुविधा यकीनी बनाई जा रही है।
अपनीत रियात ने बताया कि जहां गेहूं की सुचारु खरीद करने के निर्देश दिए, वहीं संबंधित अधिकारियों को 72 घंटों में लिफ्टिंग यकीनी बनाने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि गेहूं की कटाई के लिए जिला प्रशासन की ओर से गेहूं की कटाई के समय में बदलाव करते हुए सुबह 9 बजे से सांय 7 बजे तक कर दिया गया है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे इसी समय पर अपनी फसल की कटाई करें। उन्होंने सख्त हिदायत करते हुए कहा कि यदि उक्त समय से पहले या बाद में कटाई की जाती हैं, तो संबंधितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान सरकार की ओर से निर्धारित मापदंड से अधिक नमी वाला गेहूं मंडियों में न लाया जाए। उन्होंने कहा कि सूखा गेहूं ही मंडियों में लाया जाए क्योंकि गीले गेहूं को खरीद एजेंसियां खरीदने में असमर्थ होती है, जिससे किसानों को मंडियों में इंतजार करना पड़ता है।

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