पिछले साल 185 एकड़ क्षेत्रफल में की सीधी बिजाई के आए अच्छे नतीजे: सुखजिंदर सिंह
– पटियाला ज़िले में इस साल सीधी बिजाई नीचे 65 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्रफल लाने का लक्ष्य: मुख्य कृषि अफ़सर
– कोविड दौरान मज़दूरों की आई कमी दौरान सीधी बिजाई कारण धान की फ़सल समय पर लगाने में नहीं आई दिक्क़त
पटियाला, 11 मई:
पटियाला ज़िले के ब्लाक नाभा के गाँव बाबरपुर का पढ़ा लिखा प्रगतिशील किसान सुखजिंदर सिंह जो धान की सीधी बिजाई करके दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहा है।
धान की सीधी बिजाई के तजुर्बे साँझे करते सुखजिंदर सिंह ने बताया कि पंजाब में रिवायती तरीक़ों के साथ धान की काश्त करने के साथ जहाँ पानी का स्तर नीचे जा रहा है और हर साल बोर/ ट्यूबवैल गहरे हो रहे हैं और वही ही किसानों पर यह फ़ालतू खर्चा का बोझ पड़ रहा है। दूसरे तरफ़ जहाँ धान की सीधी बिजाई की विधि अपना कर पानी की बहुत बचत होती है और साथ ही लेबर और समय की भी बचत होती है।
सुखजिंदर सिंह के बताने अनुसार उसने कृषि और किसान भलाई विभाग से समैंम स्कीम तहत धान की सीधी बिजाई करने वाली मशीन ख़रीदी थी। इस के साथ उस द्वारा पिछले साल अपने 5. 5 एकड़ के साथ 180 एकड़ ओर किसानों के खेतों में धान की सीधी बिजाई की गई। इस विधि के साथ जहाँ पानी की बचत होने के साथ ही धान पर बीमारियाँ और कीड़े- मकोड़ा के हमले कम होते हैं। जिन खेतों में घास की समस्या आई थी उन के हल के लिए कृषि विभाग के योग्य नेतृत्व से समय पर हल निकाल लिया गया था और किसी भी क़िस्म की कोई समस्या नहीं आने दी गई।
ब्लाक नाभा के कृषि अफ़सर डा. कुलदीपइन्दर सिंह ढिल्लों ने बताया कि साल 2020- 21 दौरान कोविड- 19 जैसी भयानक महामारी चलते लेबर की कमी के कारण धान की बिजाई में आ रही देरी को धान की सीधी बिजाई के साथ बड़े ही अच्छे ढंग बिजाई के काम को पूरा कर लिया था।
मुख्य कृषि अफ़सर डा. जसविंदर पाल सिंह ग्रेवाल ने बताया कि धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों को प्रशंसा पत्र दे कर उत्साहित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पिछले साल 2020- 21 दौरान ज़िलो में धान की सीधी बिजाई नीचे क्षेत्रफल 31100 हेक्टेयर था जो कि इस साल बड़ा कर 65700 हेक्टेयर करन का लक्ष्य है। इस सम्बन्ध में तकनीकी जानकारी देने के लिए किसानों के साथ नुक्कड़ मीटिंगों की जा रही हैं और ज़िला पटियाला की कृषि विभाग की टीम लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए योग्य कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि धान की परमल क़िस्मों की सीधी बिजाई 1 से 15 जून तक और बासमती क़िस्म की बिजाई 15 जून से 30 जून दरमियान ही की जाये जिससे पानी की बचत के साथ- के साथ घास पातों की रोकथाम भी हो सकेगी।