कोरोना की परिस्थितियों में मानवता की भलाई के लिए परिवार से दूर दिन-रात काम कर रही हैं स्वास्थ्य विभाग की नर्स : डा. ब्रह्मदीप

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पलवल,12 मई,2021 कोविड-19 वैश्विक महामारी में डाक्टर्स, नर्स व स्वास्थ्य कर्मी मानवता की सेवा में दिन-रात कार्य कर रहे हैं। इन परिस्थितियों में डाक्टर्स, नर्स व स्वास्थ्य कर्मी अपने परिवारजनों से दूर व खुद के स्वास्थ्य की परवाह किए बिना कोरोना संक्रमित मरीजों का जीवन बचाने में लगी हुई हैं।
नागरिक अस्पताल पलवल में बने आइसोलेशन वार्ड में तैनात नर्सिंग स्टाफ अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात कोरोना मरीजों के इलाज व उनकी देखरेख में लगा हुआ है । नागरिक अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करीब 100 कोरोना मरीजों की देखभाल के लिए नर्स दर्शना व सुषमा अपनी डयूटी बहुत ही जिम्मेवारी के साथ निभा रही हंै। यह नर्स अलग-अलग शिफ्ट में कार्य कर रही हैं। सिविल सर्जन डा. ब्रह्मïदीप भी कोरोना मरीजों की देखभाल में लगे स्टाफ का निरंतर हौसला बढ़ा रहे हैं।
नर्स दर्शना बताती हैं कि यह ड्यूटी करने में हमें भी खतरा है, लेकिन मरीजों की सेवा व उनकी देखभाल करना हमारा कर्तव्य है। यदि हम लोग ही इनसे दूर भागेंगे, तो इनकी देखभाल व इलाज कौन करेगा। उन्होंने बताया कि सुबह 7 बजे ड्यूटी पर आ जाती हैं और रात 8:00 बजे तक काम करती है। इसके चलते वे अपने बच्चों को भी समय नहीं दे पा रही हैं। दर्शना बताती है कि इस विषम परिस्थिति में पति का बहुत साथ मिल रहा है । काम में व्यस्त होने के चलते बच्चों के खाने पीने का ध्यान पति ही रख रहे हैं।
इसी प्रकार नर्स सुषमा बताती हैं कि अस्पताल से जब भी घर लौटती हैं, तो उनके बच्चे उनकी तरफ दौड़ पड़ते हैं, लेकिन वह उनसे नजदीक से मिल भी नहीं पाती। यह सब आसान नहीं होता, लेकिन करना पड़ता है, क्योंकि आज के समय में डयूटी के साथ-साथ यह मानवता का धर्म भी है कि कोरोना मरीजों का ठीक से इलाज हो। सुषमा का कहना है कि जब कोरोना से संक्रमित मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज होता है तो वह बहुत खुश होती हैं। हालांकि जब कोरोना से किसी की मौत होती है तो उन्हें भी बहुत दुख होता है, लेकिन फिर भी अपना हौसला बनाए रखते हुए अन्य मरीजों की सेवा में निरंतर जुटी रहती हैं। उन्होंने बताया कि यह दौर ऐसा है कि हर किसी को सकारात्मक दृष्टिïकोण अपनाना चाहिए। यह दौर चला जाएगा, लेकिन ऐसे समय में की गई लोगों की सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा।

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