इतिहास उठाओगे तो जर्रा-जर्रा रंगा है बलिदानियों के रक्त से : धनखड़

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— प्रदेश अध्यक्ष ने कहा आजादी का 75 वां साल अनाम शहीदों के नाम
–अनाम शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ आजादी का अमृत महोत्सव शुरू
— सिरसा शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा में भागीदार बने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष औम प्रकाश धनखड़,सांसद सुनीता दुग्गल,आदित्य देवीलाल चौटाला बने भागीदार
सिरसा, 15 अगस्त। देश की आजादी के लिए चले लगभग नौ दशक लंबे आंदोलन में असंख्य परम वीरों ने असहनीय यातनाएं झेली,बलिदान दिया, हंसते-हंसते फांसी का फंदा चूमा।  बलिदान के इतिहास को उठाओगे तो जर्रा-जर्रा बलिदानियों के रक्त से संचित नजर आएगा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष औम प्रकाश धनखड़ ने सिरसा शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा में उमड़े युवाओं, किसानों, महिलाओं ,व्यापारियों के जनसैलाब में देशभक्ति का जोश भरते हुए कहा कि तिरंगा हमारी आजादी, स्वाभिमान और संघर्ष का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज अनाम शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ आजादी के अमृत महोत्सव का शुभारंभ हो गया है। आजादी का यह 75 वां साल अनाम शहीदों के नाम होगा। धनखड़ ने कहा कि अनाम शहीदों का बलिदान और देश के विभाजन की त्रासदी की पीड़ादायक कथा युवा पीढ़ी के समक्ष लाने का सही समय आ गया है। युवा पीढ़ी को यह पता होना चाहिए कि देश की आजादी और तिरंगे की शान के लिए हमारे ज्ञात-अज्ञात परमवीरों ने कैसे असहनीय यातनाएं झेली । उन्होने   कहा कि हमारे वीरों ने अंग्रेजी हुकूमत को परास्त करते हुए मां भारती को 15 अगस्त 1947 को आजाद करा लिया।  लेकिन कांग्रेस के नेताओं का स्वार्थ बलिदानियों की
कुर्बानी पर भारी पड़ा और 15 अगस्त को ही मां भारती को दो टुकड़ों में बांटने का पाप किया। देश के विभाजन के दौरान हुई हिंसा में लगभग 12 करोड़ लोगों ने असहनीय पीड़ा झेली,लगभग दस लाख लोग मारे गए, डेढ़ करोड़ लोग बेघर होकर विस्थापित हुए। विभाजन की सबसे बड़ी पीड़ा हमारी लगभग दस हजार बहनों ने झेली, जो अगवा कर ली गई। समय आ गया है कि आजादी के अनाम परमवीरों और देश के विभाजन की त्रासदी का इतिहास समस्त देशवासियों विशेषकर युवा पीढ़ी के समक्ष लाया जाए।
धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस और नेहरू को किस बात का डर था कि अंग्रेजों के साथ मिलकर शहीद भगत सिंह के ऐतिहासिक गांव बंगा को बंटवारे के समय पाकिस्तान को दे दिया गया। सारा देश 15 अगस्त 1947 को आजादी का जश्न मना रहा था और वीर सेनानी भगत सिंह के घर पर मातम छाया हुआ था। शहीद भगत सिंह के चाचा सरदार अजित सिंह ने 15 अगस्त 1947 को ही इस दुःख में डलहौजी में प्राण त्याग दिए कि नेहरू ने उनके गांव बंगा को भारत का हिस्सा नहीं रहने दिया। आज भी सरदार अजीत सिंह स्मारक डलहौजी के पास पंचपौल में जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था । उनकी समाधि मौजूद है। यह पाप कांग्रेस ने ऐसे बलिदानी परिवार के साथ किया, जिनकी तीन पीढ़ियों ने देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 30 दिसंबर 1943 को ही अंडेमान-निकोबार को अंग्रेजों से आजाद करवाकर पोर्ट ब्लेयर के जिमखाना क्लब में तिरंगा फहराया दिया था। यह गौरवशाली इतिहास छिपाने का पाप कांग्रेस ने किया।
धनखड़ ने जोर देकर कहा कि देश आजादी के 75 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।  युवा पीढ़ी को यह जानने का अधिकार है कि यह देश का विभाजन किसके लिए हुआ। किसके हित के लिए बलिदानियों की गौरव गाथाओं का इतिहास छुपाया गया। आजादी के संघर्ष के दौरान जिन बलिदानियों ने अखंड भारत की आजादी की बात की थी, उनको फांसी पर लटकवा दिया गया या फिर काला पानी की सजा देकर सेलुलर जेल में डलवा दिया गया। इस साजिश के पीछे कांग्रेस का क्या मकसद था। मोदी के सशक्त नेतृत्व में देश ने संपूर्ण आजादी की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। कांग्रेस इस बात से परेशान हो गई है। कृषि कानूनों पर किसानों को बहका रही है, 370 हटाने पर अब्दुल्ला व महबूबा को बहका रही है, तीन तलाक और सीएए पर लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़का रही है। धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस को देश विभाजन वाली तर्ज पर सत्ता चाहिए। भाजपा को अखंड भारत की सम्पूर्ण आजादी और बलिदानियों का सम्मान चाहिए।
तिरंगा यात्रा को सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष धनखड़ जी ने आज आजादी के अमृत महोत्सव के शुभारंभ पर सिरसा की पावन धरा से अनाम शहीदों और देश के विभाजन की पीड़ा का इतिहास युवाओं को बताने का आह्वान किया है। पार्टी का एक -एक कार्यकर्ता अपने अनाम वीरों और देश के विभाजन की त्रासदी के इतिहास की जानकारी जुटाने में जुटेगा और युवा पीढ़ी को यह बताएगा कि कैसे हमारे ज्ञात-अज्ञात लाखों बलिदानियों ने मां भारती को आजाद कराने के लिए पीड़ा झेली। देश के विभाजन की पीड़ा कैसे हमारी बहनों ने झेली थीं। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष  में अनाम बलिदानियों की गौरव गाथा और विभाजन की पीड़ा का इतिहास घर-घर और जन-जन तक लेकर जाएंगे। सिरसा जिला अध्यक्ष आदित्य देवीलाल चौटाला ने प्रदेश अध्यक्ष औम प्रकाश धनखड़, सांसद सुनीता दुग्गल सहित पार्टी पदाधिकारियों, तिरंगा यात्रा में पहुंचे युवाओं,किसानों,महिलाओं का स्वागत करते हुए कहा कि सिरसा की पावन धरा आज तिरंगे के मान और शहीदों के सम्मान में नतमस्तक है। प्रदेश अध्यक्ष धनखड़ जी ने तिरंगा यात्रा से प्रदेश भर के लाखों युवाओं मेंं नया जोश पैदा करने का काम किया है। तिरंगा यात्रा मेंं पूर्व विधायक रामचंद्र कंबोज, पूर्व विधायक मखनलाल सिंगला, पूर्व चेयरमैन जगदीश चौपड़ा,सुरेंद्र आर्य, सरदार बालकौर सिंह, प्रदीप रातुसरिया, सरोज सिहाग, अमन चौपड़ा,देव कुमार डबवाली,अमीर चंद मेहता, निताशा सिहाग,यतिंद्र एडवोकेट, सुनील बामनिया,गुरदेव सिंह राही सहित भारी सख्यां मेंं युवा शक्ति, किसान और महिलाएं भागीदार बनी।

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