पंजाब में गेस्ट फैकेल्टी प्रोफेसरों पर तलवार लटकाना गलत: अमन अरोड़ा

AMAN ARORA
ਸਫਾਈ ਸੇਵਕਾਂ ਅਤੇ ਸੀਵਰਮੈਨਾਂ ਦੀਆਂ ਸੇਵਾਵਾਂ ਪੱਕੀਆਂ (ਰੈਗੂਲਰ) ਕਰਨ ਦਾ ਫ਼ੈਸਲਾ ਚੋਣਾਵੀਂ ਸਟੰਟ : ਅਮਨ ਅਰੋੜਾ

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-बिना शर्त रेगुलर किए जाएं सेवाएं दे रहे गेस्ट फैकेल्टी प्रोफेसर 
-नए उम्मीदवारों के लिए व्यापक स्तर पर निकाली जाए भर्ती 
-`गुरु-शिष्य’ की परंपरा पर चोट है सरकार का तुगलकी फरमान 

चंडीगढ़, 23 अक्तूबर 2021

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने कांग्रेस की चन्नी सरकार पर पंजाब के सरकारी कॉलेजों में वर्षों से शिक्षा प्रदान करने वाले गेस्ट फैकेल्टी प्रोफेसरों के लिए आजीविका के रोजगार का संकट खड़े करने के आरोप लगाए हैं। साथ ही यह आरोप भी लगाए कि चन्नी सरकार संस्कृत भाषा के साथ पक्षपात कर रही है। चन्नी सरकार द्वारा हालही में जारी तुगलकी फरमान (नोटिफिकेशन) के अनुसार शिक्षा विभाग पंजाब में वर्षों बाद प्रोफेसरों की भर्ती निकाली गई है।

लेकिन सालों से बतौर गेस्ट फैकेल्टी सेवाएं प्रदान कर रहे प्रोफेसरों को पूर्ण रूप से अनदेखा किया गया है। पंजाब के युवाओं को शिक्षित करने के लिए जीवन का लंबा अरसा दे चुके गेस्ट फैकेल्टी से भी विश्वासघात किया है।

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पार्टी मुख्यालय से शनिवार को जारी बयान में वरिष्ठ नेता एवं विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के उत्थान के लिए पंजाब सरकार देर से आई लेकिन दुरूस्त तरीके से नहीं आई। उन्होंने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी सरकार पंजाब के शिक्षा के क्षेत्र में दोहरी नीति अपना रही है। हालही में उच्च शिक्षा विभाग पंजाब सरकार द्वारा कॉलेजों के लिए निकाली गई असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्तियों की नोटिफिकेशन इसका स्पष्ट प्रमाण है।

अमन अरोड़ा ने कहा कि सरकारी कॉलेजों में इस समय कई विशेष विषयों को पढ़ाने वाले अध्यापकों की कमी है और कई कॉलेजों में विशेष विषयों के अध्यापक तक नहीं हैं। लेकिन कई-कई सालों से पंजाब के सरकारी कॉलेजों में बतौर गेस्ट फैकेल्टी शिक्षा प्रदान कर रहे प्रोफेसरों को रेगुलर करने के बजाय कांग्रेस की चन्नी सरकार ने उनके भविष्य को संकट में डालते हुए उनके समक्ष रोजगार का संकट पैदा कर दिया है। क्योंकि उच्च शिक्षा विभाग पंजाब सरकार की विनाशकारी नीति के कारण बतौर गेस्ट फैकेल्टी सेवाएं प्रदान कर रहे प्रोफेसरों को रेगुलर करने के बजाय उन्हें भी नौकरी के रिक्त पदों पर अपने शिष्यों के साथ प्रतियोगिता परीक्षा में बैठना होगा।

अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार `गुरु-शिष्य’ की परंपरा को दागदार करना चाहती है। इससे पंजाब सरकार के तुगलकी फरमान पर सवाल उठ खड़े हो गए हैं। अमन अरोड़ा ने चन्नी सरकार से पूछा कि जब वर्षों से प्रोफेसर बतौर गेस्ट फैकेल्टी पंजाब के सरकारी कॉलेजों में युवाओं को शिक्षित कर रहे हैं तो फिर उन्हें रेगुलर क्यों नहीं किया जा रहा? गेस्ट फैकेल्टी प्रोफेसरों को उनके शिष्यों के समान प्रतियोगिता परीक्षा में बैठने को मजबूर क्यों किया जा रहा है? जबकि कई गेस्ट फैकेल्टी प्रोफेसर नौकरियों के लिए निर्धारित आयु सीमा भी पार कर चुके हैं और किसी अन्य जगह/क्षेत्र में काम करने के योग्य नहीं हैं।

हालही में पंजाब सरकार ने करीब दो दशकों बाद सभी सरकारी कॉलेजों में 1158 पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति का फैसला लिया है। लेकिन पहले से सरकारी कॉलेजों में शिक्षा प्रदान कर रहे गेस्ट फैकेल्टी प्रोफेसरों को रेगुलर नहीं किया गया।

आम आदमी पार्टी ने मांंग की है कि चन्नी सरकार नई भर्ती में सेवाएं प्रदान करने वाले सहायक प्रोफेसरों के पदों को खाली न समझे और व्यापक स्तर पर नए उम्मीदवारों के लिए नई भर्ती निकाले। साथ ही समान अनुपात (रेशनेलाइजेशन)की नीति के अनुसार रद्द या समाप्त किए जा रहे पदों को खत्म न किया जाए।

बॉक्स: पंजाब में संस्कृत को अनदेखा न करे चन्नी सरकार 

अमन अरोड़ा ने कहा कि कांग्रेस की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार पंजाब में संस्कृत को अनदेखा न करे। वर्तमान में कांग्रेस की चन्नी सरकार संस्कृत विषय को खत्म करने पर आमादा है। अमन अरोड़ा ने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर की 1158 पदों की भर्ती में एक भी पद संस्कृत के प्रोफेसर का नहीं है। पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के अधीन सरकारी कॉलेजों में संस्कृत के 25 से अधिक पद रिक्त हैं और 7 कॉलेजों में संस्कृत के प्रोफेसर बतौर गेस्ट फैकेल्टी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, बावजूद इसके पंजाब सरकार ने संस्कृत का एक पद तक नहीं निकाला। अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार का यह पक्षपाती रवैया है और इससे एक विशेष वर्ग की भावनाएं भी आहत हो सकती हैं और युवा पीढ़ी को भी संस्कृत से दूर किया जा रहा है।

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