वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री ने वित्तीय समावेशी गौरव दिवस की अवधारणा को सही मायने में किया है चरितार्थ

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प्रदेश के हर अंत्योदय परिवार को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है लक्ष्य: मुख्यमंत्री

वर्ष 2022-23 का बजट भी रहा अंत्योदय पर केंद्रित

चंडीगढ़, 18 अप्रैल  –  हरियाणा के हर अंत्योदय परिवार को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की पहल करते हुए वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने वित्तीय समावेशी गौरव दिवस को सही मायने में चरितार्थ किया है।
विगत अढ़ाई वर्षों से विश्व में कोविड-19 महामारी के बाद उत्पन्न हुए आर्थिक संकट के बावजूद मुख्यमंत्री ने एक गहन समझ-बुझ वाले अर्थशास्त्री की तरह प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने की पुरजोर कोशिश की है। इसकी झलक विधानसभा में प्रस्तुत किये गए वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अभिभाषण में भी देखने को मिली।
मुख्यमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्ष 2030 तक निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए वर्ष 2022-23 का 1,77,255.99 करोड़ रुपये का कर रहित बजट प्रस्तुत किया, जिसमें सतत विकास लक्ष्यों से संबंधित योजनाओं के लिए 1,14,444.7 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। शायद ही किसी अन्य राज्य ने अपने बजट में अब तक ऐसा किया हो। यह वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री की बेहतर वित्तीय प्रबंधन को भी दर्शाता है।


वित्त वर्ष 2022-23 का बजट रहा अंत्योदय के मूलमंत्र पर केंद्रित
मुख्यमंत्री ने इस वर्ष बजट में हरियाणा के विकास का वज्र मॉडल प्रस्तुत करते हुए आर्थिक विकास के साथ मानव विकास को बढ़ाने पर भी जोर दिया है। उन्होंने ईज़ ऑफ लिविंग और गरीबों व वंचित वर्गों के उत्थान के लिए उल्लेखनीय पहल की हैं। नई प्रौद्योगिकी को अपनाकर उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही रोजगार व उद्यमिता को प्रोत्साहित करने का कार्य भी किया है।

बजट में सूचना प्रोद्योगिकी का उपयोग कर संरचनात्मक सुधार कर ‘समर्थ हरियाणा’ का निर्माण, गरीब से गरीब व्यक्ति का उत्थान कर ‘अंत्योदय’ का लक्ष्य प्राप्त करना, संयुक्त राष्ट्र के वर्ष 2030 के निर्धारित ‘सतत विकास लक्ष्य’ को गति देना, ‘संतुलित पर्यावरण’-पर्यावरणीय स्थिरता पर जोर तथा सार्वजनिक व निजी भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘सहभागिता’ पर ध्यान केन्द्रित कर पांच शक्तियां प्रदान की हैं। इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश के सबसे गरीब व्यक्ति का आर्थिक उत्थान करने के लिए अंत्योदय से शुरूआत करना है। 

अंत्योदय परिवारों की पहचान के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना व परिवार पहचान पत्र को किया लिंक
मुख्यमंत्री ने अंत्योदय परिवारों की पहचान के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना को परिवार पहचान पत्र को आपस में लिंक किया है, जिससे 1 लाख 80 हजार रुपये की वार्षिक से कम आय वाले परिवारों की पहचान कर उनको आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है। अब तक 2 लाख 49 हजार परिवारों की पहचान की जा चुकी है जिनकी वार्षिक एक लाख रुपये से कम है। इनके लिए प्रदेशभर में दो चरणों में अंत्योदय रोजगार मेलों का आयोजन किया गया। इनमें 1 लाख 22 हजार परिवारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई, जिनमें से 10 हजार लाभपात्रों को बैंकों द्वारा स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध करवाया गया। शेष परिवारों की काउंसलिंग के लिए अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में विशेष अभियान चलाया जाएगा और काउंसलिंग के लिए उनके मोबाइल पर सूचना दी जाएगी।

आयुष्मान भारत योजना के तहत 3.50 लाख बीपीएल परिवारों का खर्च वहन करेगी प्रदेश सरकार
वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री ने एक और पहल करते हुए आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश के 3.50 लाख अंत्योदय परिवारों का खर्च वहन करने का निर्णय लिया है। आयुष्मान भारत योजना के तहत केन्द्र सरकार ने हरियाणा के 15 लाख बीपीएल परिवारों को पांच लाख रुपये वार्षिक का लाभ देने की मंजूरी प्रदान की है, जबकि प्रदेश में 1 लाख 80 हजार रुपये की वार्षिक से कम आय वाले परिवारों की संख्या लगभग 18.50 लाख है और इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने अंत्योदय परिवारों के प्रति अपनी दूरदर्शी सोच के चलते 3.50 लाख बीपीएल परिवारों का खर्च वहन करने की योजना बनाई है।
मुख्यमंत्री का मानना है कि अंत्योदय परिवारों के उत्थान में महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपनों को साकार करने के प्रयासों में कोई कमी न रहे इसलिए सरकार ने अंत्योदय पर लक्षित अनेकों पहल की हैं।