बलबीर सिंह राजेवाल किसान आंदोलन को राजनीति से उपर रखें: शिरोमणी अकाली दल

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ਬਲਬੀਰ ਸਿੰਘ ਰਾਜੇਵਾਲ ਕਿਸਾਨ ਅੰਦੋਲਨ ਨੁੰ ਰਾਜਨੀਤੀ ਤੋਂ ਉਪਰ ਰੱਖਣ : ਅਕਾਲੀ ਦਲ

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वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजेवाल ने उनके खिलाफ सार्वजनिक कार्रवाई नही की जिन्होने संसद तक पार्टी के मार्च में भाग लेने के लिए दिल्ली जा रहे  अकाली नेताओं पर हमला किया
 

चंडीगढ़/21सितंबर 2021

शिरोमणी अकाली दल ने आज वरिष्ठ किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल से किसान आंदोलन को राजनीति से उपर रखने को कहते हुए कहा  वे शिरोमणी अकाली दल को निशाना बनाने के बजाय दिल्ली जाने वाले  अकाली कार्यकर्ता  पर हमला करने वाले गुंडों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

 

यहां प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल और डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह स्वीकार करने के बाद भी कि कुछ गलत तत्व जो  किसान संघ को बदनाम करना चाहते हैं किसान नेता ने उन दोषी लोगों से न तो माफी मांगने के लिए कहा न ही उनके खिलाफ  कानूनी प्रक्रिया करने के लिए कहा  है।

 

प्रो. चंदूमाजरा और सरदार ग्रेवाल ने श्री राजेवाल के इस बयान पर आपत्ति जताई कि दिल्ली में केवल विधायकों और सांसदों को ही विरोध प्रदर्शन करना चाहिए था। ‘‘ हम यह समझने में नाकाम रहे हैं कि हजारों लोगों द्वारा विरोध करने पर उन्हे क्या आपत्ति है। इससे पहले भी हजारों किसानों ने ससंद की ओर मार्च किया , जिसने दुनिया भर में ध्यान आकर्षित करते हुए एकता और ताकत का संदेश भेजा था’’।

 

इस बात पर जोर देते हुए कि शिरोमणी अकाली दल ने राजेवाल को बहुत सम्मान दिया , इस पर जोर देते हुए अकाली नेताओं ने कहा कि ‘‘ श्री राजेवाल को राजनीतिक बयान देकर अपनी गरिमा कम नही करनी चाहिए ।हम राजनीतिक मुददों पर अलग से बहस करने के लिए तैयार हैं , और किसान मंच का इस्तेमाल इसके लिए नही किया जाना चाहिए।

उन्होने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि किस तरह पूर्व केंद्रीय मंत्री सरदारनी हरसिमरत कौर बादल द्वारा संसद में दिए गए  भाषण सार्वजनिक  रिकाॅर्ड में हैं तथा सरदारनी बादल इतिहास में अकेली केंद्रीय मंत्री थी, जिन्होने किसान समुदाय के  समर्थन में मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था।

 

इस बीच डाॅ. चीमा ने राजेवाल के इस बयान का खंडन किया कि शिरोमणी अकाली दल वीडियो जारी कर  किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। ‘‘ वास्तव में अकाली  नेताओं और यहां तक कि महिलाओं से दुव्र्यवहार किया जा रहा है, और धमकाया जा रहा है, यहां तक कि उनके वाहनों का नुकसान किया जा रहा है, इसके अलावा लूट  की वीडियों अपराधियों द्वारा पोस्ट की गई हैं’’।

उन्होने यह भी पूछा कि क्या राजेवाल ने इस आपराधिक गतिविधि की जानकारी ली है, और इस मामले में उनके और किसान यूनियनों द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी लोगों को क्यों नही दी । डाॅ. चीमा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजेवाल ने इस मुददे का राजनीतिकरण किया तथा शिरोमणी अकाली दल को निशाना बनाया, जिसने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था तथा यहां तक कि एनडीए के साथ गठबंधन तक तोड़ दिया था, के बारे में कहा है। ‘‘ उन्होने कहा कि हालांकि अध्यादेशों को तैयार करने में कांग्रेस पार्टी की भूमिका के साथ साथ  2017 में कांग्रेस सरकार ने एपीएमसी अधिनियम में किए गए संशोधनों पर चुप रहना चुना था।

 

अकाली नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि 17 सितंबर को इसके द्वारा आयोजित विरोध मार्च का उददेश्य किसान आंदोलन को मजबूत करना था और कहा कि राजेवाल को इस कदम की सराहना करनी चाहिए थी। उन्होने कहा कि पार्टी ने विरोध के दौरान यह स्पष्ट कर दिया था कि वह तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी अधिकार

 

 

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