मुख्यमंत्री कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों का हिसाब दें: शिरोमणी अकाली दल

DALJIT CHEEMA
SAD asks CM to direct Education Board to return Rs 94 crore examination fee taken from students for papers which were never held back to them

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डॉदलजीत सिंह  चीमा ने पूरे पेज के विज्ञापनों को मुख्यमंत्री की कथित उपलब्धियों का झूठ का पुलिंदा करार दियाडॉदलजीत सिंह चीमा

 कहा कि मुख्यमंत्री पहले ऐलानजीत सिंह के नाम से जाने जाते थेअब विश्वासघात सिंह की उपाधि प्राप्त कर चुके

 चंडीगढ़़/03दिसंबर 2021

शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष ने आज मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से कहा है कि वे वर्ष 2017-22 के कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों का हिसाब दें,  उन्होने पिछले दो महीनों के दौरान पूरे पेज के विज्ञापनों को मुख्यमंत्री की कथित उपलब्धियों का झूठ का पुलिंदा करार दिया।

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यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अकाली नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री को कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने 2017 के घोषणा पत्र के माध्यम से किए गए सभी वादों का हश्र बताना चाहिए।‘‘ घोषणा पत्र में सिर्फ एक तस्वीर बदली है , वह कैप्टन अमरिंदर सिंह की, शेष तीन-डॉ. मनमोहन सिंह, सोेनिया गांधी, राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए वादों के लिए जवाबदेह हैं, तथा श्री चन्नी जो उस समय पार्टी का अभिन्न हिस्सा थे’’।

चन्नी से कहते हुए कि वह अपने पूर्ववर्ती को इसके लिए जिम्मेदार ठहराकर कांग्रेस के घोषणा पत्र से भाग नही सकते,डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा, लोग 90 हजार करोड़ रूपये केे कृषि कर्जा माफी के वादे का हिसाब देने का इंतजार कर रहे हैं , और आप बस केंद्र पर जिम्मेदारी डालकर इस जिम्मेदारी से भाग नही सकते। इसी तरह लोगों को उम्मीद थी कि आप इस बात का हिसाब देंगें कि कांग्रेस सरकार ने युवाओं को कितनी नौकरियां दी हैं, और उन्हे ‘ घर घर नौकरी’ के नारे से उन्हे धोखा क्यों दिया?

अकाली नेता ने कहा कि सच बोलने और यह स्वीकार करने के बजाय कि उनकी सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है, मुख्यमंत्री ने पिछले दो महीनों में उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए आत्म-बधाई देने के उददेश्य से पूरे पेज के विज्ञापनों के साथ छल किया है। ‘‘ ये विज्ञापन झूठ का पुलिंदा हैं।पहले मुख्यमंत्री को ऐलानजीत सिंह के नाम से जाना जाता था, क्योंकि वह केवल घोषणाएं करने में विश्वास करते थे, अब उन्हे विश्वासघात सिंह के नाम से भी जाना जाएगा, क्योंकि वह लोगों को धोखा देने के लिए फर्जी घोषणाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं’’।

मुख्यमंत्री को आड़े हाथो लेते हुए डॉ. चीमा ने उनसे यह बताने के लिए कहा कि बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) को रदद करने के बारे झूठ क्यों बोल रहे हैं, जबकि ऐसा कुछ नही हुआ ,और यहां तक कि थर्मल कंपनियों को  जारी कारण बताओ नोटिस पर भी  केंद्रीय न्यायाधिकरण द्वारा रोक लगा दी गई थी। उन्होने कहा कि इसी तरह पंजाब राज्य नियामक आयोग के आदेश ने यह स्पष्ट कर दिया था कि बिजली दरों में 3 रूपये प्रति यूनिट की कटौती का आदेश अस्थायी था और केवल 31 मार्च तक ही लागू है। ‘‘ मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया था कि कटौती 1 नवंबर से प्रभावित होगी , लेकिन अब वह बता रहे हैं कि इसे चुनावों से कुछ दिन पहले जनवरी के मध्य में लागू किया जाएगा’’।

श्री चन्नी पर की निंदा करते  हुए अकाली नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री की सभी घोषणाओं को अगली सरकार के लिए पूरा करने के लिए  छोड़ दिया गया है।उन्होने कहा कि पीएसपीसीएल ने 2 किलोवाट तक के लोड वाले घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का बकाया माफ करने के लिए पीएसपीसीएल को आवश्यक 1500 करोड़ रूपये तक भी नही दिए। उन्होने कहा कि इसी तरह जल आपूर्ति योजनाओं की तुलना में बिजली के बिलों की 1168 करोड़ रूपये की छूट के लिए धन आवंटित नही किया गया । उन्होने

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