अगर केंद्र सरकार को किसानों की वास्तव में चिंता है तो काले खेती कानून तुरंत रद्द किये जाएँ – परनीत कौर -अपने अधिकारों के लिए संघरशील किसानों की भलाई के लिए केंद्र सरकार की वचनबद्धता बारे वित्त मंत्री का संसद में दावा हास्यप्रद – एमपी  पटियाला

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पटियाला 1 फरवरी:
संसद में आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की तरफ केंद्र सरकार की किसानों की भलाई प्रति वचनबद्धता के बयान को हास्यप्रद करार देते पटियाला से लोग सभा मैंबर  प्रनीत कौर ने कहा कि यदि केंद्र सरकार सचमुच ही किसानों की भलाई के लिए वच्चनबद्ध है तो वह पिछले तीन महीनों से काले कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की बात क्यों नहीं सुन रही।
प्रनीत कौर ने बताया कि 2021 का बजट शुरू करते वित्त मंत्री का ऐलान, कि गेहूँ, धान और दालों की खरीद के लिए सरकार के खर्चा में महत्वपूर्ण विस्तार हुआ है, की किसानों के प्रति भलाई के लिए चिंता दिखाने की कोशिश करना बेहद हास्यप्रद है, क्योंकि यह बहुत दुखदायी है कि वही किसान दिल्ली की सरहदों पर बैठा आंदोलन कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति सरकार के अगस्त में संसद सैशन दौरान किये दावों के बिल्कुल उलट है, क्योंकि आज किसान अपने अधिकारों और सच्चा माँगों के लिए लड़ाई लड़ रहा है।
पटियाला से संसद मैंबर ने  कहा कि यदि केंद्र सरकार सचमुच ही किसानों की भलाई के लिए वचनबद्ध है तो यह किसान विरोधी काले कानून तुरंत रद्द किए जाएँ। उन्होंने कहा कि हमारे लिए किसान सब से पहले और सब से महत्वपूर्ण हैं और उन की भलाई सिर्फ़ और सिर्फ़ यह तीनों ही काले कृषि कानून रद्द किये जाने के साथ ही संभव है।
प्रनीत कौर ने आगे कहा कि किसानों की इस मुश्किल घड़ी में पूरा पंजाब, कांग्रेस पार्टी और देश के समूह एक ही जैसे विचारों वाले लोग उस समय तक आंदोलनकारी किसानों का साथ देंगे जब तक उनकी सच्चा माँगों के लिए और कृषि कानून रद्द करने के लिए लड़ाई जारी रहेगी।
फोटो कैप्शन -पटियाला से संसद मैंबर प्रनीत कौर वित्त मंत्री की तरफ से पेश किये बजट का विरोध करते हुए किसानों के साथ अपनी वचनबद्धता प्रकटाते हुए।