अब प्राइवेट अस्पतालों में भी मुफ्त में मिलेगी टीबी की दवा

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स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों की सुविधा के लिए शुरू की गई एफडीसी योजना
वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर कर रहा है मरीजों की लगातार मॉनिटरिंग
संस्था द्वारा किया जा रहा कार्य सराहनीय, सिविल सर्जन
अमृतसर, 27 अगस्त 2021 अमृतसर टीबी के मरीजों को अब प्राइवेट अस्पतालों में भी मुफ्त दवा मिलेगी स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों की सुविधा के लिए एफडीसी योजना शुरू की है विभाग द्वारा वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर के सहयोग से जिले अमृतसर में मरीजों को लाभ देने के लिए विशेष योजना बनाई है
योजना के तहत मरीज की 6 से 9 महीने की दवा प्राइवेट अस्पताल में मरीज को मुफ्त में उपलब्ध करवाई जाएगी
योजना की शुरुआत करते हुए सिविल सर्जन डॉ चरणजीत सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग टीबी के मरीजों की देखभाल के लिए विशेष योजना के तहत काम कर रहा है वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर संस्था के सहयोग से मरीज कि लगातार छह महीने मॉनिटरिंग की जा रही है सिविल सर्जन ने बताया कि जिले में सरकारी अस्पतालों में पहले ही मरीजों को मुफ्त में टीबी की दवाई उपलब्ध करवाई जा रही थी पर अब मरीजों की सुविधा के लिए जिले के प्राइवेट अस्पतालों में भी मुफ्त दवा देने का निर्णय लिया है एफडीसी योजना के अंतर्गत जिले के कुछ प्राइवेट अस्पतालों को चुना जाएगा जहां पर यह दवाई रखी जाएगी उन्होंने बताया कि वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर् टीबी की रोकथाम के लिए अपनी प्रशंसनीय सेवाएं निभा रही है सिविल सर्जन ने कहा कि प्राइवेट डॉक्टरों को टीबी मरीज का नोटिफाई करवाना बेहद जरूरी है यदि वह ऐसा नहीं करते तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी
मरीजों को डाइट्स के लिए भी दिए जाते हैं ₹500 प्रति महीना
जिला टीबी अधिकारी डॉ नरेश चावला ने बताया कि जिले में 36 00 सरकारी डॉट्स तथा 1000 से अधिक मरीज प्राइवेट अस्पतालों से दवा ले रहे हैं कई मरीज ऐसे होते हैं जो प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाना चाहते हैं तथा उनके पास दवा लेने के लिए पैसे नहीं होते उन मरीजों की सुविधा के लिए एसडीसी योजना शुरू की गई है डॉ नरेश चावला ने बताया कि इसके अलवा जो टीबी का मरीज नोटिफाई होता है उसे दवा के सेवन के दौरान हर महीने ₹500 सरकार द्वारा डाइट के संबंध में दिए जाते हैं डॉ नरेश चावला ने कहा कि वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर्स वाला मरीजों की जहां लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है वहीं उनसे संपर्क साध कर उनकी बीमारी संबंधी समस्याओं का मौके पर समाधान निकाला जा रहा है संस्था पूरी लगन तथा मेहनत से काम कर रही है
समय टीबी का ना करवाया इलाज तो हो सकती है जानलेवा साबित
संस्था के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुखविंदर सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से टीबी की रोकथाम के लिए काम किया जा रहा है मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इस संबंध में विशेष योजना के अंतर्गत रूपरेखा बनाई गई है सुखविंदर सिंह ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को 2 सप्ताह से पुरानी खांसी जुकाम बुखार हो तो वह अपना टीबी का टेस्ट जरूर करवाएं क्योंकि 2 सप्ताह के बाद होने वाली खांसी टीबी हो सकती है यदि इस बीमारी का समय पर इलाज ना करवया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकती है इस अवसर पर डिस्टिक कोऑर्डिनेटर देवेंद्र सिंह भी उपस्थित थे
कैप्शन जिले में एफडीसी योजना की शुरुआत करते हुए सिविल सर्जन डॉ चरणजीत सिंह साथ है जिला टीबी अधिकारी डॉ नरेश चावला स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुखविंदर सिंह देवेंद्र सिंह

 

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