कांग्रेसी मंत्री बिजली आपूर्ति देने में विफल रहने पर अफसरशाहों को प्रताड़ित न करें: शिरोमणी अकाली दल

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बिजली की आपूर्ति बढ़ाने और ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री पावर मंत्री के तौर पर नाकाम रहेः सरदार सिकंदर सिंह मलूका
कांग्रेस सरकार उन किसानों को 50 रूपये प्रति क्विंटल बोनस दे, जिन्हे डीजल जेनरेटरों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर किया जा रहा
कहा कि बिजली की कमी होने के कारण जो किसान धान की बुआई नही कर पाए , उन्हे 20 हजार रूपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाना चाहिए
चंडीगढ़,09 जुलाई 2021 शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि कांग्रेस के मंत्रियों को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा बिजली की सप्लाई देने में नाकाम रहने पर अफसरशाहों को प्रताड़ित करने की कोशिश नही करनी चाहिए, क्योंकि राज्य के बिजली मंत्री धान के मौसम के दौरान बिजली आपूर्ति बढत्राने के साथ साथ राज्य में ट्रांसमिशन और वितरण प्रणाली के रखरखाव को सुनिश्चित करने की जरूरत को अनदेखी कर रहे हैं।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए शिरोमणी अकाली दल के किसान विंग के अध्यक्ष सरदार सिकंदर सिंह मलूका ने कहा कि सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को स्पष्ट तौर पर कहना चाहिए। ‘ यह एक वरिष्ठ मंत्री को इस तरह के तरीके से सच्चाई छिपाने की कोशिश नही करनी चाहिए। उन्होने कहा कि जबकि सच्चाई यह है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुद को फार्म हाउस में बंद करके रखा तथा राज्य बिजली उपयोगिता की कोइ समीक्षा मीटिंग नही की तथा अब कुर्सी बचाने के लिए दिल्ली की ओर भागदौड़ कर रहे हैं तथा बिजली मंत्री के रूप में अपना कर्तव्य निभाने में नाकाम रहे हैं। इसकी वजह यह है कि किसानों, उद्योगपत्तियों , व्यापारियों और आम आदमी को इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है और रंधावा को मुख्यमंत्री की नाकामियों के लिए अफसरशाहों को दोषी ठहराने की कोशिश करने के बजाय इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए।
यह बताते हुए कि पंजाब में मांग हर साल 500 मेगावाट की बढ़ोतरी हुई है। सरदार मलूका ने कहा कि ‘ यह एक तथ्य सभी जानते हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने बिजली की आपूर्ति ब़ढ़ाने के लिए कोई कदम नही उठाया। दरअसल यह मुख्यमंत्री थे, न कि अफसरशाह, जिसने बठिंडा थर्मल प्लांट और रोपड़ प्लांट की दो यूनिट को बंद करने का आदेश दे रखा था। पीएसपीसीएल के इंजीनियरों की दलीलों के बावजूद कि उनके पास टूट-फट को रिपेयर करने के लिए बुनियादी उपकरण भी नही हैं, सरकार ने किसानों की परेशानियों को दूर करने के लिए कोई कार्रवाई नही की ’।
सरदार मलूका ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब कांग्रेस सरकार शिरोमणी अकाली दल के कार्यकाल में लगाए गए थर्मल प्लांटों के खिलाफ बोल रही थी और 2.89 रूपये प्रति यूनिट की बुनियादी दर से बिजली उपलब्ध करवा रही थी, तब भी सरकार बाजार में 12.40 रूपये प्रति यूनिट की अत्यधिक कीमत पर बिजली खरीदी है। उन्होने कहा कि इसके बावजूद तलवंडी साबों निजी प्लांट की एक इकाई तो महीनों से बंद है तथा एक ही प्लांट में दूसरी इकाई में बाधा आने पर स्थिति खतरनाक हो गई है।
मुख्यमंत्री को इस स्थिति के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार बताते हुए

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