जयपुर, 29 अप्रेल। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू जन अनुशासन पखवाड़ा के
दौरान आवश्यक वस्तुओं के सम्बन्ध में व्यापारियों की मुनाफाखोरी रोकने के लिए गुरुवार को विधिक
मापविज्ञान विभाग के अधिकारियों ने कुल 54 निरीक्षण किये और 4 दुकानदारों के विरूद्ध कार्यवाही
करते हुए कुल 12500 रुपये की पेनल्टी लगाई गयी।
उपभोक्ता मामले विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने बताया कि जन अनुशासन पखवाड़े
के दौरान विधिक माप विज्ञान के अधिकारियों द्वारा पूरे प्रदेश में निरंतर कार्यवाही की जा रही है।
उन्होंने बताया कि जयपुर शहर में बापू नगर स्थित व्यापारी फर्म आशीर्वाद एंटरप्राइजेज के
द्वारा डंाई फ्रूट और मसाले आदि उनके स्तर पर पैकिंग करके बेचे जा रहे थे जबकि फर्म के पास
खाद्य पदार्थों को पैक करके बेचे जाने का रजिस्टंेशन नहीं था। फर्म के द्वारा बेची जा रही नेस्कैफे ब्रांड
की काफी और चॉकलेट फिलिंग की बोतलों पर एमआरपी दर्ज नहीं होना मिला। फर्म पर ऐसे 174
पैकेट जिन पर विधिक माप विज्ञान 1⁄4डिब्बा बंद वस्तुएं1⁄2 नियम, 2011 के नियम 6 के तहत पैकेट पर
नियमानुसार प्रदर्शन नहीं था, को जब्त किया जाकर प्रकरण दर्ज किया गया है और फर्म के विरूद्ध
कार्यवाही की जायेगी। फर्म के पास वजन करने की मशीन भी सत्यापित नहीं मिली जिस पर भी अलग
से प्रकरण दर्ज किया गया है।
अजमेर शहर में शंकर नमकीन उद्योग के द्वारा पैक की गयी सामग्री के पैकेट पर नियमानुसार
सूचना प्रदर्शन नहीं मिलने पर 2500 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
जिला नागौर में मालपुरिया किराना स्टोर, खींवसर के द्वारा एमआरपी से अधिक कीमत पर
गुटखा बेचने पर दुकानदार पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
दौसा जिले में बालाजी टंेडर्स के द्वारा एमआरपी से अधिक कीमत पर गुटखा बेचने पर
जुर्माना लगाया गया।