पराली पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का नायब सैनी ने किया स्वागत

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– पराली मैनेजमेंट पर मनोहर सरकार ने जबरदस्त काम किया: नायब सैनी

– प्रदेश अध्यक्ष सैनी ने पराली मैनेजमेंट के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और हरियाणा के किसानों का जताया आभार

चंडीगढ़, 21 नवंबर।

हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी ने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा सरकार के प्रयासों पर सुप्रीम कोर्ट ने जो मुहर लगाई है उसका स्वागत किया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरियाणा सरकार की प्रशंसा करने पर प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश के किसानों का आभार जताया है। श्री सैनी ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं में कमी आना मनोहर सरकार की नीतियां और प्रदेश के किसानों का जागरूक होना है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए हरियाणा की मनोहर सरकार ने जबदस्त काम किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी आज हरियाणा की भाजपा सरकार की पीठ थपथपाते हुए पंजाब की मान सरकार को नसीहत दी है कि पराली प्रबंधन कैसे किया जाता है वो हरियाणा की भाजपा सरकार से सीखें। नायब सैनी ने कहा कि हरियाणा की मनोहर सरकार किसान हितैषी है। सरकार किसानों को कृषि उपकरणों पर सब्सिडी दे रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं लगातार किसानों को पराली से होने वाले नुकसान के लिए जागरूक करते रहते हैं।

प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी ने पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवत मान सरकार आलोचना करने में ही माहिर है, काम करने में नहीं है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार चाहे दिल्ली की हो या पंजाब की उनके पास ना तो विजन है और ना ही काम करने की इच्छा शक्ति। दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्री सिर्फ बातें ही करते रहते हैं, काम को धरातल पर नहीं उतारते।

श्री सैनी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की कथनी और करनी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने कहा था दिल्ली में यमुना नदी को साफ किया जाएगा, लेकिन यमुना की स्थिति आज भी वही है। आम आदमी पार्टी के नेता झूठी वाहवाही लूटने का काम करते हैं। किसानों को जो सुविधाएं देनी चाहिए वह आम आदमी पार्टी की सरकार किसानों को नहीं दे रही है। उन्होंने आम आदमी पार्टी को नसीहत देते हुए कहा कि इस तरह के मुद्दे पर राजनीति नहीं काम करना चाहिए और हरियाणा की मनोहर लाल सरकार से सीख ले सकते हैं।

नायब सैनी ने कहा कि खेतों में पराली जलाने से पैदावार भी कम होती है और किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से होने वाला धूआं आम लोगों के लिए जान का संकट भी पैदा करता है। हरियाणा के किसान पराली ना जलाए इसके लिए हरियाणा की भाजपा सरकार ने पराली एक्स-सीटू प्रबंधन पॉलिसी लागू की है। इस नीति के तहत फसल अवशेष को खेत से बाहर ले जाकर उसका मैनेजमेंट किया जाता है। धान की पराली से बिजली, बायोगैस, बायो सीएनजी, जैव-खाद, जैव-ईंधन और इथेनॉल बनाया जा रहा है। हरियाणा के किसान अपने खेतों में अब पराली ना जलाकर उन्हें बेच रहे हैं जिससे उनकी आय में भी वृद्धि हो रही है।

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