एसएएस नगर, 13 जुलाई 2021
को विष्व गऊमाता प्रशांषा दिवस के उपलक्ष में श्री सचिन शर्मा ( चेयरमैन ) पंजाब गऊ सेवा कमिशन के दिशा निर्देशों से और ड़ा प्रीती सिंह ( सी ई ओ ) पंजाब गऊ सेवा कमिशन के अनुसार इस दिन गऊमाता की सेवा ,संभाल , चिकित्सा सेवा से जुडी हुई गैर सरकारी संस्थाएँ , गऊशालाओँ, और विशेषकर वो किसान जो डेयरी विकास के व्य्व्साए से जुड़े हैं , उन्हें उनके द्वारा किये जा रहे गऊसेवा प्रति इन अतुल्य कार्यों के लिये उन्हें प्रशांषा पत्र के साथ सनमानित किया गया ।
अपने संदेश में शर्मा ने कहा कि पंजाब गऊ सेवा कमिशन सदेव ही गऊमाता की सेवा संभाल और रक्षा के लिये वचनबध हैं। पंजाब गऊ सेवा कमिशन की ओर से गऊधन भलाई के लिए विभिंन कार्य किये गये हैं जिनमे माननीय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह जी के दिशा निर्देशों से पूरे प्रदेश में 200 गऊ भलाई चिकित्सा कैंपों की शूरुआत की गई , समय समय पर मुंह खुर के लिये टीकाकरण मुहिम का आगाज किया गया, गौशालओं को पंजीकृत किया गया जप नहीं पंजीकृत थी उन्हें भी साथ जोड़ा गया ताकि उनको सरकार से मिल्ने वाले लाभ का पूरा फाएदा हो सके , गौशालाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए भी कार्य किये जा रहे हैं जिनमे गोबर के बने लकडी कि भान्ति बाले , गोबर निर्मित गमले , दिये, खाद , गोबर से निर्मित बायो गैस , फीनाइल आदि जिनसे होने वाली कमाई से गऊशलाओं की आजीविका चल सके, गऊधन नस्ल सुधार के लिये प्रोजेक्ट साहिवाल की शुरुआत की गई ।
हाल ही में एक जून को विष्व दूध दिवस पर गाय के दूध को वेरका में शुरु करवाने हेतु और उससे बने पदार्थ लोगों के लिये पौष्टिक आहार के रूप में जारी करने के लिये मांग को माननीये मुख्य मंत्री जी के समक्ष रखा गया है जिस पर काम चल रहा है, सचिन शर्मा चेयरमैन की ओर से गऊमाता को राट्रमाता का दर्जा दिलाने और भारतीये राष्ट्रीय जीव घोषित करवाने के लिए महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविद जी और माननीये प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को भी पत्र लिखकर इस मांग को उनके समक्ष रखा गया।
सचिन शर्मा सभी प्रदेश वासियों से निवेदन करते हुए कहा कि, इस शुभ दिन पर आप अपने नजदीक गऊशाला में जाकर गऊमाता को नमन करते हुए अपने परिवार के साथ वहां जाकर गऊमाता का आशीष प्राप्त करें। सदियों से सर्वधर्म का पोषण करने वाली गऊमाता को अपने जीवन के कुछ पल दें ,इसकी सेवा कभी वयर्थ नहीं जाती हमारे गुरुओं , देवी देवताओं,ऋषि मुनियों और हमारे बुजुर्गो ने हमें यही शिक्षा दी है और आज इस प्रथा को आगे बढ़ाते हुए हम इस पवित्र, कल्याणी , पाप विनाष्नी ,स्नेह और प्यार देने वाली सर्वधर्म का पोषण करने वाली गऊमाता का सत्कार करें और आने वाली पीढ़ियों को भी इसके मह्त्व,वैभव और गुणोँ से परिचित करवाएँ और गऊमाता का आशीष प्राप्त करें। युगोँ युगों से अनंत काल से भगवान श्री कृष्ण जी और पहली पात्शाही श्री गुरु नानक देव जी महाराज के द्वारा भी हमें अपने उपदेशों से इसके मह्त्व और सेवा सम्भाल से जोड़ा है जो आज भी पवित्र ग्रंथों में अंकित है और उनके द्वारा दिखाए मार्ग पर चलकर ही हमारे मनुषय रूपी जीवन का उद्धार हो सक्ता है जिसे समझने की जरूरत है।