शिरोमणी अकाली दल ने गर्वनर से निजी थर्मल प्लांटों से 16.35 करोड़ रूपये प्राप्ति के मामले की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया

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कहा कि जांच में 2500 करोड़ रूपये का कोयला धुलाई घोटाला भी शामिल होना चाहिए: डाॅ. दलजीत सिंह चीमा
कहा कि निजी थर्मल प्लांटों को बंद करने के लिए आप द्वारा दायर की याचिका भी कांग्रेस की तर्ज पर प्रबंधनों को ब्लैकमेल करने की साजिश की ओर इशारा करती है
चंडीगढ़/12जुलाई 2021 शिरोमणी अकाली दल ने आज पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर से अनुरोध किया है कि वह कांग्रेस पार्टी द्वारा निजी थर्मल प्लांट प्रबंधनों से 16.35 करोड़ रूपये की राशि प्राप्त करने का भ्रष्टाचार मामले तथा कांग्रेस सरकार द्वारा में थर्मल प्लांटों की 2500 करोड़ रूपये कोयला धुलाई घोटाले के मामले की सीबीआई द्वारा जांच की जानी चाहिए।
यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए शिरोमणी अकाली दल के प्रवक्ता डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि सब जानते हैं कि शिरोमणी अकाली दल की अगुवाई वाली सरकार द्वारा निजी थर्मल प्लांटों के साथ बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए जाने के तुरंत बाद कांग्रेस पार्टी ने यह दावा करते हुए कार्रवाई की थी कि वे गलत हैं तथा यहां तक उन्हे रदद करने की धमकी भी दी। ‘ लेकिन इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने उन्ही निजी कंपनियों से फंड लिया , जिन पर सुनील जाखड़ और कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत उसके पंजाब के नेता हेराफेरी में लिप्त होने का आरोप लगा रहे थे। उन्होने कहा कि एल एंड टी से जहां 8.25 करोड़ रूपये लिए गए थे, वहीं वेदांता ग्रुप से आठ करोड़ रूपये तथा जीवीके से 10 लाख रूपये लिए गए थे।
डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पीसीसी अध्यक्ष सुनील जाखड़ तथा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाबियों को बताना चाहिए कि क्या पीपीए गलत है तथा जब उन्होने राज्य में सत्ता संभाली तो कांग्रेस पार्टी ने इसे खत्म करने की उम्मीद जताई थी कि उसने कंपनियों से 16 करोड़ रूपये एडवांस क्यों लिए? उन्होने कहा कि सीबीआई को यह मामला सौंपा जाना चाहिए तथा इस बात की जांच होनी चाहिए कि क्या निजी कंपनियों से करोड़ों रूपया ऐठने के लिए ब्लैक मेल किया गया था।
कांग्रेस सरकार द्वारा इस पूरे मामले पर श्वेत पत्र लाने की मांग करते हुए डाॅ. चीमा ने कहा कि सरकार की भी जिम्मेदारी है कि उसने सुप्रीम कोर्ट में जानबूझकर गलत जानकारी देकर कोयला धोने के आरोपों के कारण निजी कंपनियों को 2500 करोड़ रूपये क्यों दिए थे। उन्होने कहा कि शीर्ष अदालत ने बताया कि पंजाब सरकार ने ऐसा दिखाया कि जिस समय यह किया गया , उस समय जगह पर कोयले की कैलोरी मापने का कोई तरीका नही था । ‘ इस झूठ की कीमत पंजाब को 2500करोड़ रूपये और राज्य को हर महीने 2500 करोड़ रूपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है’। उन्होने यह भी खुलासा किया कि कैसे पूर्ववर्ती शिरोमणी अकाली दल की सरकार ने कोयला धोने के लिए मुआवजा की मांग करने वाले निजी थर्मल प्लांट प्रबंधनों के दावे को खारिज कर दिया था तथा राज्य नियामक प्राधिकरण और यहां तक कि राष्ट्रीय बिजली न्यायाधिकरण में इस मामले में केस जीता था।
आम आदमी पार्टी के बारे में बोलते हुए डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि आप भी कांग्रेस पार्टी की तरह थर्मल

 

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