हरियाणा सरकार कोविड की तीसरी लहर की आशंका को दूर करने के लिए कोविड के प्रभावी प्रबंधन के लिए पांच स्तरीय रणनीति यानी टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने पर जोर दे रही है

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चण्डीगढ़, 6 अगस्त – हरियाणा सरकार कोविड की तीसरी लहर की आशंका को दूर करने के लिए कोविड के प्रभावी प्रबंधन के लिए पांच स्तरीय रणनीति यानी टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने पर जोर दे रही है।
यह जानकारी हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज की अध्यक्षता में सिविल सर्जनों, उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 की तीसरी लहर की तैयारियों की निगरानी के लिए आयोजित बैठक में दी गई।

अनुमानित तीसरी लहर को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर, श्री विज ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को कम पोजिविटी के कारण लोगों को आत्मसंतुष्ट होने के प्रति सचेत करने और उन्हें रचनात्मक प्रयास करने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है ताकि मामलों में किसी भी तरह की वृद्धि को रोका जा सके। इसके लिए होटल, रेस्तरां, मॉल और शादियों में भीड़ जमा होने से रोका जाना चाहिए और लोगों को इस संबंध में परामर्श दिया जाना चाहिए और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन न करने पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।

उन्होंने विस्तार से बताया कि राज्य सरकार विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) रणनीतियों के माध्यम से लोगों के बीच इस विचारधारा को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि वास्तव में, राज्य ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रदेश के प्रत्येक अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में, यहां तक कि दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोविड-उपयुक्त उपचार उपलब्ध है।

मामलों की अचानक वृद्धि को रोकने के लिए अधिकारियों को ठोस कदम उठाने का निर्देश देते हुए, श्री विज ने टेस्टिंग में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि परीक्षण दर में गिरावट न हो। उन्होंने अधिकारियों को सक्रिय रहने के लिए भी कहा क्योंकि स्थिति बहुत गतिशील है और सक्रिय मामलों या उच्च सकारात्मकता दर में वृद्धि के शुरुआती संकेतों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है। साथ ही, यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि कोविड दिशानिर्देशों का सही अर्थों में पालन किया जाए। इसके अलावा, सभी जिलों को टीकाकरण की गति तेज करनी चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोगों को शीघ्रता से कवर किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों से वैक्सीन की दूसरी खुराक पर जोर देने के लिए भी निर्देश दिए।

कोविड-19 की तैयारियों के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा ने मंत्री को अवगत कराया कि राज्य में वयस्क, बाल चिकित्सा और नवजात सहित 659 वेंटिलेटर हैं। ऑक्सीजन की उपलब्धता पर श्री अरोड़ा ने बताया कि विभिन्न जिलों में विशेष रूप से उन जिलों में प्रैशर स्विंग एजर्जोशन (पीएसए) संयंत्र स्थापित किए गए हैं जहां कोविड के मामले अधिक हैं। इसके अलावा, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक (एलएमओ) 6 स्थानों (करनाल, कुरुक्षेत्र, पंचकुला, हिसार, जींद और रेवाड़ी) में मौजूद हैं और अधिक एलएमओ जोड़ने का काम प्रगति पर है। इसके अलावा, वर्ष 2020-21 में सभी जिला अस्पतालों में 16 रुपये की लागत से गैस मैनिफोल्ड और मेडिकल ऑक्सीजन पाइपलाइन स्थापित की गई थी तथा 36 करोड़ रूपए की लागत से वर्ष 2021-22 में गैस मैनिफोल्ड एवं ऑक्सीजन पाइपलाइनों की सुविधा को सीएचसी स्तर तक बढाया जा रहा है। इसके अलावा, ऑक्सीजन, कंसटैऊटर और दोनों इनवेस्वि और नॉन-इन्वेस्वि वेंटिलेशन भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

कोविड बाल चिकित्सा मामलों के संबंध की तैयारियों पर श्री अरोड़ा ने बताया कि यह अनुमान है कि अधिकांश बच्चे 70-80 प्रतिशत एसिमटोमैटिक (स्पर्शोन्मुख) होंगे और उन्हें घर में आईसोलेशन की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, 15 प्रतिशत माइल्ड मामले, 5 प्रतिशत मोडरेट और गंभीर मामले होंगे जिन्हें कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन सहायता और एचडीयू/आईसीयू देखभाल की आवश्यकता होगी। राज्य में 808 आईसीयू बेड, 681 एनआईसीयू बेड इत्यादि हैं। उन्हें यह भी बताया गया कि दवाएं और चिकित्सा उपकरण जैसे इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन बी, इंजेक्शन रेमेडिसविर, इंजेक्शन टोसीलिज़ुमैब, पीपीई किट, एन-95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क, हैंड सैनिटाइज़र, आरटीपीसीआर परीक्षण किट पैरासिटामोल टैबलेट और अन्य उपलब्ध हैं।