हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने राष्ट्र के प्रेरणापूंज और युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद की पूण्यतिथि पर नमन करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी एक सच्चे देशभक्त, अध्यात्म के पुरोधा और महामानव थे

Sorry, this news is not available in your requested language. Please see here.

चण्डीगढ़, 04 जुलाई – हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने राष्ट्र के प्रेरणापूंज और युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद की पूण्यतिथि पर नमन करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी एक सच्चे देशभक्त, अध्यात्म के पुरोधा और महामानव थे।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने न केवल देश में बल्कि विदेशों में भारत की सभ्यता और संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया। उन्होंने युवाओं के लिए कहा था कि ‘‘उठो, जागो और तब तक नहीं रूको जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए‘‘। उनका यह संदेश युवाओं में राष्ट्र प्रेम का अद्भूत जोश पैदा करता है।
उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने भारतीय आध्यात्म व वेदांत के प्रचार-प्रसार के लिए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। इस मिशन की सफलता के लिए उन्होंने जीवन पर्यन्त कार्य किया। उनकी आभा और तेज प्रभाव से अमेरिका सहित यूरोपीय देशों के लोग बड़ी संख्या में उनके शिष्य बन गए। स्वामी विवेकानंद जब भाषण करते थे तो श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते थे। इस प्रकार से उनकी इस प्रभावी-शैली को विदेशी युवाओं ने भी अपना लिया था। स्वामी जी ने 1893 में शिकागो में विश्वधर्म संसद को सम्बोधित करते हुए सनातन परम्परा और सहिष्णुता से अवगत कराया था।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने सदैव युवाओं को सकारात्मक उर्जा के लिए प्रेरित किया और देश धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होने का शंखनाद किया था। इससे युवा पीढ़ी स्वामी विवेकानंद जी को अपना आदर्श मानने लगी। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द भारत की पहचान हैं। हम उन्हें भुला नहीं सकते।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि भारत को 21वीं सदी में विश्वगुरू बनने के लिए स्वामी विवेकानन्द के दिखाए मार्ग पर चलने की जरूरत है। आज देश आजादी की 75 वीं वर्षगांठ को ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के रूप में मना रहा है। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद जी को याद करना देशवासियों के लिए गौरवान्वित करने वाला पल है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि स्वामी विवेकानंद जी के जीवन परिचय से प्रेरणा लेकर भारत की मजबूती और आत्मनिर्भर भारत के लिए कार्य करें, यही स्वामी जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

Spread the love