शिरोमणी अकाली दल ने लखीमपुर किसान हत्याओं की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की

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ਲਖੀਮਪੁਰ ਖੀਰੀ ਹੱਤਿਆਕਾਂਡ ਦੀ ਸੁਪਰੀਮ ਕੋਰਟ ਦੀ ਨਿਗਰਾਨੀ ਹੇਠ ਜਾਂਚ  ਹੋਵੇ : ਅਕਾਲੀ ਦਲ

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केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को तत्काल बर्खास्त किया जाए तथा उनपर धारा 120(बीके तहत मामला दर्ज किया जाएसरदारनी हरसिमरत कौर बादल
 
यूपी पुलिस गृह राज्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहीमामले को गैरभाजपा राज्य में स्थानांतरित किया जाना चाहिए

 

चंडीगढ़/09अक्टूबर 2021

पूर्व केंद्रीय मंत्री सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने आज लखीमपुर खीरी के किसान कत्ल की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की, तथा उन्होने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजयमिश्रा को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की।

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सरदारनी हरसिमरत कौर बादल  कल लखीमपुर खीरी में पार्टी नेताओं के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे के बाद मीडिया से बातचीत कर रही थी।उनके साथ कमेटी के सदस्यों में सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़ और सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया भी साथ थे।

 

पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा वाहन द्वारा कत्ल किए गए किसानों के पीड़ित परिवारों को उत्तर प्रदेश सरकार से न्याय की कोई उम्मीद नही है।‘‘ यह स्पष्ट है कि जब तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त नही किया जाता, तब तक इस मामले में न्याय सुनिश्चित नही किया जा सकता। मैं यह समझ नही पा रही हूं कि अब तक उन्हे बर्खास्त क्यों नही किया गया। वास्तव में अजय मिश्रा के खिलाफ 25 सितंबर को एक मामला दर्ज किया जाना चाहिए था, जब उन्होने शांतिपूर्वक विरोध करने वाले किसानों को हिंसा के लिए उकसाया था। उन्होने कहा कि अजय मिश्रा ने अपने बेटे द्वारा चार किसानों और एक पत्रकारा को अपने वाहन के नीचे कुचल देने के बाद अपने अपराध को यह कहकर जटिल बना दिया , कि वाहन पर पथराव किया जा रहा था और चालक नियंत्रण खो बैठा’’। इस संस्करण की पूरी घटना का लाइव वीडियो दिखाया गया। अजय मिश्रा पर हिंसा भड़काने और जांच को गुमराह करने की कोशिश करने के लिए धारा 120(बी) के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार को हर किसी, विशेष रूप से पीड़ित परिवारों के ‘विश्वास ’ को जीतने के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए’’।

 

सरदारनी बादल ने जोर देकर कहा कि पूरे मामले को गैर-भाजपा राज्य में स्थानांतरित किया जाना चाहिए, क्योंकि उत्तर प्रदेश पुलिस केंद्रीय राज्य गृह मंत्री के खिलाफ कार्रवाईकरने की स्थिति में नही है। उन्होने मंत्री के बेटे के खिलाफ कार्रवाई करने में पांच दिन की देरी की भी निंदा करते हुए कहा कि यहां तक कि उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद ही ऐसा किया गया था।

 

इस बीच पीड़ित परिवारों जिनमें  पत्रकार रमन कश्यप भी थे, के घर की यादों का जिक्र करते हुए सरदारनी बादल ने कहा , ‘‘ मैं असहाय पीड़ितों के साथ किए जा रहे अन्याय से बेहद हैरान हूं।उन्होने मुझसे कहा कि वे धन यां नौकरियां नही चाहते, बल्कि चाहते हैं कि  त्रासदी करने वालों को  अनुकरणीय सजा सुनिश्चित की जानी चाहिए’’। ‘‘ अठारह वर्षीय लवप्रीत, जो अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था, जो तीन एकड़ के मालिक थे, को उनकी मां ने ‘लंगर सेवा’ में भाग लेने के लिए भेजा था। एक अन्य मृतक नशतर एकमात्र कमाने वाला था जिसका बेटा सीमा सुरक्षा बल में सेवारत है। पत्रकार रमन कश्यप के  बच्चे इतने छोटे हैं कि वे यह भी नही समझ सकते कि उनके पिता कहां हैं’’।

 

इस बात पर जोर देते हुए कि कोई भी सरकार इतनी असंवेदनशील नही हो सकती ,जैसा कि अब पीड़ित परिवारों के साथ किया जा रहा है।सरदारनी बादल ने कहा कि ‘‘ किसानों को एकमात्र अपराध यह है कि वे तीनों काले कानूनों को निरस्त करवाना चाहते हैं। इसके लिए उन्हे लाठी- डंडों से पिटाई की

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