धोखा है 13 सूत्रीय एजेंडा, सिर्फ गुरु साहिब की बेअदबी के इंसाफ पर ही जवाब बता दें कांग्रेसी- हरपाल सिंह चीमा

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-वोटों के लिए जो `गुरु साहिब’ का इस्तेमाल कर सकते हैं, ऐसे कांग्रेसियों के लिए आम लोगों की कोई हैसियत नहीं- `आप’ 

-कहा, हिम्मत है तो केजरीवाल की तरह 5 वर्षों की कारगुजारी के आधार पर वोट मांगे कांग्रेस 

चंडीगढ़, 14 नवंबर 
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने सत्ताधारी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा सरकार के 13 सूत्रीय एजेंडे संबंधी किए गए दावों को महज छलावा करार देते हुए एक स्पष्ट जवाब मांगा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और बहिबल कलां गोलीकांड के साजिशकर्ताओं समेत आरोपियों को सख्त सजा कब मिलेगी?

पार्टी मुख्यालय से रविवार को जारी बयान में हरपाल सिंह चीमा ने कांग्रेस सरकार के 13 सूत्री एजेंडे पर तंज कसते हुए चुनौती दी कि नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी केवल बेअदबी और बहबिल कलां गोलीकांड के संबंध में पंजाब की जनता को स्पष्ट कर दें कि सभी साजिशकर्ता और आरोपियों को कितने दिनों में सख्त सजा मिलेगी? चीमा ने कहा कि अभी तक इन मामलों की जांच भी पूरी नहीं हुई और न ही चालान पेश करने की अंतिम प्रक्रिया पूरी हुई है। फिर चन्नी सरकार और कांग्रेस अध्यक्ष बेअदबी और बहबिल कलां मामले में इंसाफ संबंधी हवा में तीर मारकर गुरु साहिब की बार-बार बेअदबी क्यों कर रहे हैं?

चीमा ने चुनौती दी कि यदि चन्नी और सिद्धू में गुरु और गुरु की संगत के प्रति रत्ती भर भी सम्मान है तो वह गुरु साहिब के आरोपियों को अगले चंद दिनों में सख्त सजा दी जानी सुनिश्चित करें। चीमा ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को अरविंद केजरीवाल की 49 दिनों की सरकार की मिसाल देते हुए पूछा कि पिछले 2 महीनों से प्रदेश की पूरी कमान आप दोनों के हाथ में है लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं बदला। जनता को गुमराह करने व ड्रामेबाजी और झूठे आंकड़े पेश करने के लिए सरकारी खजाने का अंधाधुंध दुरूपयोग हो रहा है। भ्रष्टाचार जस का तस है। कई प्रकार के माफिया पहले की तरह पांव जमाए हुए हैं। निजी बिजली कंपनियों का दबदबा बरकरार है, जिस कारण आप (चन्नी-सिद्धू) घातक बिजली खरीद समझौते (पीपीए) को रद्द करने से भाग गए और संशोधन पर आ गए। जबकि दावे यह थे कि हमें (सिद्धू-चन्नी) को कमान मिलने के बाद 4 दिनों में बिजली समझौते रद्द कर दिए जाएंगे। इसी तरह बेरोजगारी, बेरोजगारी भत्ते, किसान-मजदूर कर्जे और अन्य सभी ज्वलंत मुद्दे भी जस के तस लंबित पड़े हैं, क्योंकि इन दो महीनों में कांग्रेसी नेताओं ने या तो एक दूसरे की टांग खींची है या फिर चन्नी साहब ने दिल्ली दरबार के चक्कर लगाए हैं। शेष बचता समय ड्रामेबाजी और झूठी शोहरत बटोरने पर लगा दिया।

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चीमा ने कहा कि पौने 5 वर्ष बर्बाद करके कांग्रेस ने लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए भले ही `अलीबाबा’ बदल दिया लेकिन अपना छल-कपटी किरदार और भ्रष्ट मिजाज नहीं बदला, क्योंकि भ्रष्टाचार, झूठ, फरेब, दिखावा, घमंड, मौकापरस्ती और अड़ियलपन कांग्रेस के खून में मिल चुका है। यदि ऐसा नहीं होता तो कांग्रेसी श्री गुटका साहिब जी की कसम पर हर हाल में खरा उतरते। चीमा के अनुसार जो चुनाव जीतने के लिए `गुरु’ के नाम का इस्तेमाल करके मुकर सकते हैं, ऐसे कांग्रेसियों के लिए आम लोगों की क्या हैसियत होगी? इसका अंदाजा कांग्रेस की पौने पांच वर्षों की कार्यशैली से सहज ही लग जाता है।

चीमा ने कहा कि यदि सिद्धू और चन्नी यह समझते हैं कि उनकी कांग्रेस सरकार ने किसानों, मजदूरों, नौजवानों, बुजुर्गों, व्यापारियों और गरीबों के साथ वर्ष 2017 में किए सभी वादे पूरे कर दिए हैं तो कांग्रेस आगामी 2022 में चुनाव के मौके पर अपने कामकाज और कारगुजारी के आधार पर लोगों से उसी प्रकार वोट मांगे, जैसे अपने पांच वर्षों की सरकार के बाद अरविंद केजरीवाल ने वर्ष 2020 में चुनावों के मौके पर दिल्ली की जनता से मांगे थे कि यदि केजरीवाल सरकार ने काम किया है तो वोट दी जाए नहीं तो न दी जाए।

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