सत्ता में आने पर पेंशन बहाली सहित कर्मचारी-पेंशन भोगियों के सभी मुद्दों को हल करने का आश्वासन दिया
पटियाला,24 अगस्त 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने घोषणा की है कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग सिर्फ आप का घोषणापत्र ही नहीं है, बल्कि यह भरोसा दिलाता है कि सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी 2022 में कर्मचारी वर्ग की पुरानी पेंशन योजना की बहाली समेत सभी जायज व लंबित मांगों को प्राथमिकता के आधार पर लागू करेगी ।
हरपाल सिंह चीमा ‘पुरानी पेंशन’ की बहाली को लेकर पटियाला में सीपीएफ कर्मचारी संघ पंजाब द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय विरोध रैली में शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि रिटायरमेंट के बाद सरकारी पेंशन पाना कर्मचारी का अधिकार है, कोई खैरात नहीं। इसलिए कांग्रेस सरकार को कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम को तुरंत बहाल करना चाहिए।
इस से पहले कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में पहुंचे आम आदमी पार्टी के दिल्ली से विधायक अजय दत्त ने बताया कि देश भर में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार, पहली ऐसी सरकार है जिसने पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की है।
सैंकड़ों की तादाद में इक_ा हुए कर्मचारियों की सभा को संबोधित करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कर्मचारी सरकार की रीढ़ की हड्डी होता है। कर्मचारियों की मदद से ही सरकार की योजनाएं साकार होती हैं और प्रशासन चलता है,लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार कर्मचारियों का गला घोंटने पर आमादा है। कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने जहां 2004 में कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया था, वहीं ठेका व्यवस्था लागू कर सरकारी नौकरी पाने के रास्ते बंद कर दिए थे।
चीमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने छठे वेतन आयोग की कर्मचारी विरोधी सिफारिशें लागू कर पंजाब के लाखों कर्मचारियों के हितों की बलि चढ़ाई है तथा विभागों के पुनर्गठन के नाम पर नौकरियां ख़त्म कर लाखों नौजवानों से उनका सरकारी नौकरी पाने का अधिकार भी छीन लिया है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि एक तरफ विधायक,पूर्व विधायक,पूर्व सांसद विभिन्न पेंशन लेकर,अनावश्यक सलाहकार रख कर और अतिरिक्त भत्ते लेकर सरकारी खजाने को लूट रहे हैं। वहीं दूसरी ओर 30 साल सरकारी नौकरी में रहकर सरकार की सेवा करने वाले कर्मचारी अपनी पेंशन को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 1 लाख 50 हजार से अधिक कच्चे, एडहॉक ,ठेके तथा आउटसोर्सिंग कर्मचारी पिछले 10 -12 सालों से अल्प वेतन पर काम कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार अपने चुनावी वादों के तहत इन्हें रेगुलर नहीं कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने छठे वेतन आयोग के माध्यम से कर्मचारियों को वित्तीय लाभ देने की बजाय उनसे 35 किस्म के भत्ते छीन लिए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने परिवहन भत्ता, शहरी आवास भत्ता, नकद देखभाल भत्ता, प्रशिक्षण भत्ता, परिवार नियोजन भत्ता आदि को समाप्त कर दिया है। जबकि डॉक्टरों का एनपीए, सचिवालय कर्मचारियों तथा ड्राइवरों के भत्ते को मूल वेतन से अलग कर उनको मिलता लाभ भी उनसे छीन लिया है। इस मौके पर उनके साथ पार्टी प्रदेश जनरल सेक्रेटरी हरचंद सिंह बरसट, कर्मचारी विंग के नेता अमरीक सिंह बांगड़ तथा गुरमेल सिंह सिद्धू सहित अन्य आप नेता शामिल थे।