हरियाणा सरकार के उच्चतर शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में कार्यरत असिस्टेंट/एसोसिएट प्रोफेसरों के लिए संशोधित आनलाइन स्थानान्तरण नीति-2022 तैयार की है

Sorry, this news is not available in your requested language. Please see here.

चण्डीगढ़, 18 अगस्त – हरियाणा सरकार के उच्चतर शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में कार्यरत असिस्टेंट/एसोसिएट प्रोफेसरों के लिए संशोधित आनलाइन स्थानान्तरण नीति-2022 तैयार की है। अब इस नीति के तहत निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से स्थानान्तरण किए जाएंगे।

विभाग के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि यह स्थानांतरण नीति इसकी अधिसूचना की तारीख से लागू होगी और स्थानांतरण नीति के तहत सरकारी महाविद्यालयों में कार्यरत उन सभी असिस्टेंट/एसोसिएट प्रोफेसरों पर लागू होगी, जिनके विषय में 80 या 80 से अधिक स्वीकृत पद है। उन्होंने बताया कि योग्य प्रोफेसर 15 सरकारी महाविद्यालयों की अपनी पसंद भर सकेंगे। लेकिन विकल्प देते समय यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनके विषय उन महाविद्यालयों में पढ़ाए जा रहे हैं और कार्यभार के अनुसार रिक्ति उपलब्ध है।

प्रवक्ता ने बताया कि असिस्टेंट/एसोसिएट प्रोफेसरों, जिनकी अनिवार्य ग्रामीण सेवा लम्बित है, उन ग्रामीण महाविद्यालयों के चयनों को भरना सुनिश्चित करेंगे जहाँ विषय पढ़ाया जा रहा है, ऐसा न करने पर सिस्टम ओटोमेटिक ही प्राध्यापकों द्वारा भरे गए शहरी महाविद्यालयों के चयन (विकल्पों) को अस्वीकार कर देगा।

उन्होंने बताया कि स्थानांतरण नीति मौजूदा एसोसिएट एनसीसी अधिकारियों (एएनओ) पर लागू नहीं होगी। यदि कोई एएनओ इस नीति के माध्यम से स्थानांतरण में भाग लेना चाहता है, तो वह यह सुनिश्चित करेगा कि ऐच्छिक कॉलेज में उसके शिक्षण विषय में एएनओ (एनसीसी) की पद रिक्ति हो।

प्रवक्ता ने बताया कि जिला नूंह (मेवात) और जिला पंचकूला (केवल मोरनी हिल्स क्षेत्र के लिए) में सरकारी महाविद्यालयों का चयन करने वाले असिस्टेंट/एसोसिएट प्रोफेसरों का यह गृह जिला नहीं है, उन्हें अतिरिक्त भुगतान किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी होने के 15 दिनों के भीतर म्यूचुअल ट्रांसफर विकल्प का प्रयोग किया जा सकता है। म्यूचुअल ट्रांसफर पांच साल की अवधि के लिए वैध होगा और यदि कोई पद पर कार्यरत प्राध्यापक सेवानिवृत्त हो जाता है, तो अन्य पदधारी को समय सीमा के बावजूद अगले ऑनलाइन स्थानांतरण में भाग लेना होगा।

प्रवक्ता ने बताया कि हर वर्ष 31 मार्च को कार्यभार के अनुसार वास्तविक रिक्तियों, मानी गई रिक्तियों और काल्पनिक रिक्तियों के लिए योग्यता तिथि, वेटेज/अंकों की गणना होगी। इसके अलावा, वास्तविक रिक्तियां, डीम्ड रिक्तियां और नोशनल रिक्तियां प्रत्येक वर्ष 30 अप्रैल तक की जाएंगी। उन्होंने बताया कि पात्र असिस्टेंट/एसोसिएट प्रोफेसर प्रत्येक वर्ष 1 मई से 15 मई तक 15 सरकारी महाविद्यालयों की अपनी पसंद ऑनलाइन जमा करवा सकते हैं और विकल्प देते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि उन महाविद्यालयों में उनके विषय पढ़ाए जा रहे हैं और संबंधित विषय में रिक्ति उपलब्ध हो। स्थानांतरण आदेश 1 जून तक जारी किए जाएंगे। इसके बाद यदि किसी को कोई आपति है तो वह 7 जून तक दर्ज करवा सकता है।

उन्होंने बताया कि असिस्टेंट/एसोसिएट प्रोफेसर का स्थानांतरण पद के आवंटन/रिक्ति के लिए योग्यता मानदंड किसी कर्मचारी को रिक्त पद के आवंटन के लिए योग्यता निर्धारित 100 अंकों में से अर्जित कुल समग्र स्कोर/अंकों पर आधारित होगी। उन्होंने बताया कि किसी रिक्ति के विरुद्ध प्राध्यापकों के दावे का निर्णय करने के लिए आयु पहला मानदंड होगा और इसमें कुल 100 अंकों में से अधिकतम 57 अंक होंगे। समान अंक होने की स्थिति में आयु में वरिष्ठ होने वाले प्राध्यापकों को वरीयता दी जाएगी ।

प्रवक्ता ने बताया कि विशेष श्रेणी जिसमें विधवाओं/तलाकशुदा/कानूनी रूप से अलग/अविवाहित महिलाएं, विडोवेर्स, दिव्यांग, दुर्बल विकारों के रोग, अलग-अलग दिव्यांग या मानसिक रूप से विकलांग बच्चे/बच्चों और इस तरह के मामलों सहित महिलाओं को शामिल किया गया है। इस श्रेणी के अंतर्गत असिस्टेंट/एसोसिएट प्रोफेसर द्वारा अधिकतम 20 अंकों का विशेषाधिकार प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा, परफारॅमेंस कैटेगरी है जिसमें नियमित आधार पर लंबे अनुभव, अच्छे परिणाम और शोध प्रकाशन शामिल हैं। इसका वेटेज अधिकतम 23 अंक होगा।

उन्होंने बताया कि ऐसे असिस्टेंट/एसोसिएट प्रोफेसर जो 75 प्रतिशत से अधिक नेत्रहीन हैं या 75 प्रतिशत से अधिक लोकोमोटिव विकलांग हैं, जिनमें दोनों पैरों को शामिल किया गया है, उन्हें उनकी पसंद के स्टेशनों पर पोस्टिंग दी जाएगी और उन पर पांच साल के ठहरने की शर्त लागू नहीं होगी। समान अंक होने की स्थिति में आयु में वरिष्ठता को वरीयता दी जाएगी।

प्रवक्ता ने बताया कि अविवाहित महिला सहायक/एसोसिएट प्रोफेसर की शादी होने पर, विवाहित महिला सहायक/एसोसिएट प्रोफेसर की पति की मृत्यु या पति से कानूनी रूप से तलाकशुदा, पत्नी की मृत्यु पर पुरुष सहायक/एसोसिएट प्रोफेसर को अनुरोध पर विकल्प बदलने का अवसर अगले स्थानांतरण में भाग लेने के लिए दिया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि जो असिस्टेंट/एसोसिएट प्रोफेसर यूटी प्रशासन या अन्य राज्य या राज्य सरकार के अन्य विभाग, जहां वे प्रतिनियुक्ति पर थे, को भी उपलब्ध रिक्ति स्थिति के अनुसार नीति के अनुसार सरकारी महाविद्यालयों के अपने विकल्प देना होगा। साथ ही, यदि ऐसे असिस्टेंट/एसोसिएट प्रोफेसर स्थानांतरण अभियान के बाद स्वदेश लौटते हैं, तो उनका तबादला प्रशासनिक आधार पर किया जाएगा। मुख्यालय के पदों को स्थानांतरण अभियान में शामिल नहीं किया जाएगा।

प्रवक्ता ने बताया कि पांच वर्ष के निर्धारित कार्यकाल के पूरा होने के कारण ऑनलाइन सामान्य स्थानांतरण को जनहित में स्थानांतरण के रूप में माना जाएगा और ऐसे मामले में शामिल होने का समय और समग्र स्थानांतरण अनुदान (टीए/ डीए आदि) हरियाणा सिविल सेवा नियमों 2016 के प्रावधानों के अनुसार स्वीकार्य होगा। उन्होंने बताया कि सभी असिस्टेंट/एसोसिएट प्रोफेसरों से हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारी आचरण) नियम, 2016 का पालन करना अनिवार्य होगा।

 

और पढ़ें :-  आपात स्थिति को भांपते हुए लोकेशन पर तत्परता से पहुंची हरियाणा 112, नाबालिग के खिलाफ जघन्य अपराध का हुआ खुलासा