DELHI: 14 AUG 2021
The Vice President, Shri M. Venkaiah Naidu has greeted the nation on the eve of Independence Day. Following is the full text of his message –
“I extend my warm greetings and good wishes to the people of our country on the joyous occasion of our Independence Day.
As we enter our 75th year of Independence, let us recall the countless, valiant sacrifices of our founding leaders who won our nation’s freedom and resolve to strive towards building the India of their dreams.
On this momentous occasion, let us also remember that the progress and wellbeing of our nation impinge on delivering the benefits of development and ensuring dignity of life to each and every individual in our country. This is the foundational belief behind our civilizational value of ‘share and care’. We must work together to achieve the noble constitutional ideal of ‘securing for all our citizens – justice, liberty, equality and fraternity’.
On this joyous occasion of Independence Day, let us once again solemnly resolve to dedicate ourselves to rediscovering our inner strengths, to realizing the enormous potential of our people, and to give India its rightful place in the comity of nations.”
Following is the Hindi version of the message –
“मैं स्वतंत्रता दिवस के आनंदमय अवसर पर अपने देश के समस्त नागरिकों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ।
आज, जब हम स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, आइए हम उन संस्थापक नेताओं की असंख्य और बहादुर बलिदान गाथाओं का स्मरण करें, जिन्होंने हमारे देश को स्वतंत्र करवाया और अपने सपनों का भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर, आइए हम यह भी स्मरण करें कि हमारे देश की प्रगति और कल्याण देश के प्रत्येक नागरिक को विकास के लाभों का परिदान करने और उनके जीवन की गरिमा सुनिश्चित करने में निहित है। यह हमारे सभ्यतागत मूल्य ‘विचारों को साझा करना और एक-दूसरे की देखभाल करना’ के पीछे का आधारभूत विश्वास है। हमें पावन संवैधानिक आदर्श ‘अपने सभी नागरिकों के लिए न्याय, आजादी, समानता और भाईचारा सुनिश्चित करने’ को प्राप्त करने के लिए एक साथ मिलकर कार्य करना चाहिए।
स्वतंत्रता के इस आनंदमयी अवसर पर, आइए हम स्वयं को अपनी आंतरिक शक्ति को पुन: जागृत करने, अपने लोगों की व्यापक क्षमता को अनुभूत करने और राष्ट्रों के समूह में भारत को समुचित स्थान दिलाने के अपने संकल्प को निष्ठापूर्वक पुन: दोहराएं।”
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