फाजिल्का 1 दिसंबर 2021
विश्व एड्स दिवस पर एड्स के बारे में जागरूकता लाने के लिए बैनर को जारी करते हुए सिविल सर्जन डा दविंदर ढांडा ने कहा के आज के दौर में किसी भी बीमारी के खिलाफ़ लड़ने के लिए जागरूकता एक बहुत बड़ा साधन है। उन्होंने कहा कि एड्स जिसका पहला केस 80 के दशक में अफ्रीका में सामने आया और बाद में अमेरिका में जो आज एक बहुत बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है।
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उन्होंने कहा कि यूनिसेफ के मुताबिक पुरी दुनियां में 36.9 मिलियन और भारत में लगभग 16 लाख लोग एड्स के शिकार हैं। ये बीमारी एक वायरस से होती है जो के हमारे शरीर में शारीरिक रसों स्लाइवा (खून वीर्य ) आदि से फैल जाता है। जैसे असुरक्षित शारीरिक संबंध, दूषित सुई के प्रयोग से या फिर दूषित खून चढ़ाने से, इसके इलावा अगर मां को है तो उसके होने वाले बच्चे को भी एड्स हो सकता है।
अभी तक इसकी कोई प्रामाणिक दवाई नही है परन्तु फिर भी एआरटी सेंटर में कोई भी मरीज जा कर मुफ़्त इलाज करवा सकता है।जिस से उसका जीवन कई साल और बढ़ जाता है। इस लिए जरूरी है के हर सरकारी हस्पताल में आईसीटीसी सेंटर में जा कर सलाह और परमार्श के साथ साथ अपना टेस्ट करवा कर जल्दी से जल्दी इलाज शुरू करवाया जाए। साथ में अगर सुरक्षित यौन संबंध, नई सूई और सीरिंज का प्रयोग तथा एचआईवी नेगेटिव ही खून लेने और देने का प्रण और साथ में शेव के लिए नया ब्लेड, कान नाक के छिद्रों के लिए स्टेराइल्ड पिन या सुई तथा टैटू वगैरा से बच कर इस बीमारी से बचा जा सकता है।
ज़िला मास मीडिया अधिकारी अनिल धामू ने बताया के इस बीमारी के बारे में जागरूकता लाने के लिए एक वैन पहले ही जिले का दौरा कर चुकी है। इस लिए घबराएं नहीं बल्की आप भी जागरूक हों और दूसरों को भी जागरूक करें यही इस बीमारी से बचने का सब से बड़ा इलाज है।
इस अवसर पर डा कविता सिंह डी एफ पी ओ, चीफ फार्मेसी अफसर नारंग, संदीप प्रियंका , सुखविंदर तथा अन्य स्टाफ मेंबर उपस्थित थे।