बेहद शर्मनाक है कोरोना महामारी के दौरान नर्सिंग कोर्सों की फीसों में भारी वृद्धि -अमन अरोड़ा

Aman Arora Aap punjab

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‘आप’ विधायकों ने नर्सिंग कोर्सों की फीसों में 25 से 40 प्रतिशत की वृद्धि को वापस लेने की मांग की 

चंडीगढ़, 24 सितम्बर 2020
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने कोरोना महामारी के दौरान पंजाब कैबिनेट की ओर से नर्सिंग कोर्सों की फीसों में 25 से 40 प्रतिशत तक किए भारी वृद्धि की सख्त आलोचना करते हुए मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह से यह घातक फैसला तुरंत वापस लेने की मांग की है।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा पार्टी के सीनियर नेता और विधायक अमन अरोड़ा, प्रिंसीपल बुद्ध राम और मीत हेयर ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान डाक्टरी शिक्षा हेतु लिए जाते ऐसे फैसले सत्ताधारी कांग्रेस की उस दिवालिया सोच का पर्दाफाश करती हैं, जिस कारण कांग्रेस पूरे देश में अपना आधार खो चुकी है और पंजाब में भी मुकम्मल सफाया तय है।
अमन अरोड़ा ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पूरी दुनिया में सेहत सेवाएं दे रहे डाक्टरों, नर्सों, पैरा मैडीकल पेशावरों का जमकर कर मान-सम्मान हो रहा है, क्योंकि इस महामारी ने सेहत सेवाओं के क्षेत्र से जुड़े पेशावरों की अहमीयत का एहसास करवाया है कि जिस तरह सरहदों पर तैनात फौजी योद्धा हमारी और हमारे देश की रक्षा करते हैं, उसी तरह डाक्टर और उनका सहायक स्टाफ ‘कोरोना योद्धा’ के तौर पर जान तली पर रख कर हमारी जान बचाता है। ऐसे हालातों में पहले एमबीबीएस, एमडी /एमएस कोर्सों की और अब नर्सिंग कोर्सों की फीसों में भारी वृद्धि करके मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह ने अति निंदनीय फैसला लिया है।
‘आप’ नेताओं ने दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल सरकार की तर्ज पर डाक्टरी शिक्षा के साथ जुड़े सभी कोर्सों /पढ़ाई पंजाब में भी न-मात्र फीस तय करने की जोरदार वकालत की और दावा किया कि यदि 2022 में पंजाब के लोग आम आदमी पार्टी की सरकार बनाऐंगे तो पंजाब में दिल्ली की तर्ज पर कल्याणकारी और लोग हितैषी फ़ैसले होंगे, क्योंकि आम आदमी पार्टी सरकारी सेहत और शिक्षा को सबसे ज्यादा पहल देती है।
‘आप’ नेताओं ने कहा कि नर्सिंग कोर्सों की फीसों में किए अंधाधुन्ध वृद्धि का सबसे बुरा प्रभाव आम घरों के बच्चों पर पड़ेगा, जो बड़ी संख्या में नर्सिंग के क्षेत्र को कैरियर के तौर पर चुनते हैं, परंतु इतने ज़्यादा फीसों के कारण यह पढ़ाई भी आम परिवारों के बस से बाहर कर दी है। ‘आप’ नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस तुगलकी फरमान को वापस न लिया तो संघर्ष किया जाएगा।

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